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राजस्थान के अस्पतालों में जलभराव पर राजनीति: स्वास्थ्य मंत्री बोले- 50 से 100 साल पुराने भवन, विपक्ष ने किया पलटवार

Rajasthan Rain (KJ Srivatsan): राजस्थान में मानसूनी बारिश ने पानी निकासी के दावों की पोल खोलकर रख दी है। लेकिन इस पर हो रही राजनीती लोगों को और भी चौंका रही है। जहां सूबे के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने इस पर अपनी बेबसी जताते हुए कहा कि बड़े अस्पताल 50 से 100 साल […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Jul 11, 2023 20:48
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Rajasthan Rain (KJ Srivatsan): राजस्थान में मानसूनी बारिश ने पानी निकासी के दावों की पोल खोलकर रख दी है। लेकिन इस पर हो रही राजनीती लोगों को और भी चौंका रही है। जहां सूबे के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने इस पर अपनी बेबसी जताते हुए कहा कि बड़े अस्पताल 50 से 100 साल पुराने हैं। ऐसे में इस समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकाला जा पा रहा है। वहीं, विपक्ष ने अजमेर, जयपुर सहित कई जिलों में बारिश के दौरान गली-मोहल्लों के साथ अस्पताल तक में पानी चले जाने को सरकार की बड़ी नाकामी बताया है।

बारिश के दौरान पानी निकासी के दावे, लेकिन इन्ही दावों को धत्ता बताते हुए गली मोहल्लों में जमा पानी कोई नई बात नहीं है। लेकिन यदि सरकारी अस्पताल में एक दिन की जरा सी बारिश के बाद पानी भर जाए और मरीजों की जान पर बन आये तो इसे क्या कहेंगे। राजस्थान में 24 घंटे पहले हुई बारिश के बाद जब राजधानी में सूबे के सबसे बड़े SMS अस्पताल से यही नजारा सामने आया तो इस पर अब राजनीती भी शुरू हो गई है। बीजेपी ने इसे सरकार की बड़ी विफलता बताया है।

चूंकि आरोप सीधे सीधे स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से जुड़े थे, ऐसे में सूबे के स्वास्थ्य मंत्री को इस पर सफाई देने के लिए आगे आना पड़ा। लेकिन उनके बयान में भी स्थायी समाधान की आस की बजाय बेबसी ही नज़र आई। उन्होंने अस्पतालों की पुराने बनावट को ही इसके लिए जिम्मेदार बता दिया।

स्वास्थ्य मंत्री बोले- जयपुर में SMS में OPD टॉवर बना रहे

स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि दुर्भाग्य है की अस्पताल में पानी घुस आया। लेकिन यह भी सही है की SMS जैसे बड़े सरकारी अस्पताल को बने 50 से 100 साल हो गए हैं। हम जयपुर में SMS में OPD टॉवर बना रहे हैं। उसके बाद यह समस्या ख़त्म हो जायेगी।

बीजेपी नेताओं को समझना चाहिए की यदि अस्पताल में इस तरह पानी भरता है तो अकेले यह हमारी ही जिम्मेदारी नहीं है। जनप्रतिनिधि वे भी है उन्हें भी अपनी पेंट ऊपर करके लोगों की सहायता के लिए आना चाहिए। खाली बयानबाजी से थोड़े ही हालत सुधरने वाले है। यदि पानी भरा ही है तो उसे निकाला भी हमने ही है। यह वे क्यों नहीं समझते।

जाहिर है की चुनावी साल में राजनितिक आरोप- प्रत्यारोप कोई नै बात नहीं है। लेकिन यदि अस्पताल की प्रशासनिक लापरवाही के चलते मरीजों को राहत देने की बजाय आफत के केंद्र बन जाए और उस पर सामूहिक जिम्मेदारी लेकर सुधार की बजाय इस तरह से दोषारोपण शुरु हो जाए तो इसे क्या कहा जाएगा।

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SOURCES
HISTORY

Written By

Bhola Sharma

First published on: Jul 11, 2023 08:48 PM

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