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राइजिंग राजस्थान समिट से पहले धरने पर क्यों बैठे बुजुर्ग इन्वेस्टर? जानें पूरा मामला

Jaipur News: राजधानी जयपुर में 92 साल के बुजुर्ग न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहे हैं। उन्होंने 1997 में तत्कालीन भैंरोसिंह शेखावत सरकार से प्रभावित होकर प्रदेश में 5 हजार करोड़ का निवेश किया था लेकिन अब उनकी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है।

Edited By : Rakesh Choudhary | Updated: Nov 29, 2024 21:50
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Old NRI Investor on Dharna in ACB Headquarter
Old NRI Investor on Dharna in ACB Headquarter

जयपुर से केजे श्रीवत्सन की रिपोर्ट।

Old NRI Investor on Dharna in ACB Headquarter: एक तरफ जहां राजस्थान सरकार 9 दिसंबर से निवेशकों को लुभाने के लिए राइजिंग राजस्थान निवेश सम्मेलन कर रही है, वहीं दूसरी तरह एक 92 साल के एनआरआई न्याय के लिए एसीबी दफ्तर में धरना देने को मजबूर हो गये हैं। आरोप है की 1997 में ऐसे ही एक निवेश सम्मेलन के दौरान उन्होंने यहां रियायती दर पर जमीन लेकर बड़ा निवेश किया था, लेकिन अब उसी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है। इस मामले को लेकर ये बुजुर्ग सीएम से भी मिले और इंसाफ नहीं मिलने पर सीधे एसीबी दफ्तर पहुंच गए।

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92 साल के एनआरआई डॉ. राज ईश्वर खरे ने साल 1997 में तत्कालीन सीएम भैरो सिंह शेखावत के शासन में सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर एनआरआई प्रोजेक्ट के तहत अमेरिका से आकर उन्होंने यहां अपोलो एनीमल मेडिकल ट्रस्ट ग्रुप बनाकर पशु चिकित्सा शिक्षा देने के लिए कॉलेज खोला था। बाकायदा सरकार ने उन्हें 28 बीघा 27 बिस्वा जमीन भी इसके लिए रियायती दर पर दी थी।

यह है पूरा मामला

2005 में करीब 5000 करोड़ की लागत से उन्होंने इस पशु शिक्षा केंद्र की शुरुआत करते हुए विद्यार्थियों को संस्थान में प्रवेश भी दे दिया था। 2013 में दूल्हेराम मीणा और दो अन्य लोग उनके साथ जुड़कर ट्रस्ट के सदस्य बने और करोड़ों रुपये गबन कर लिए। जिसकी पहली शिकायत 2019 में कानोता पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाई गई। अनुसंधान में आरोपों को प्रमाणित भी माना लेकिन कारवाई आगे नहीं बढ़ पाई। इसके बाद 2024 में फिर से धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया, लेकिन उस पर भी जांच अटकी रही। ऐसे में 92 साल के बुजुर्ग इंसाफ के लिए आज सीधे झालाना स्थित एसीबी दफ्तर पहुंच गए और कार्रवाई को आगे बढाने के लिए धरना देने लगे।

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एसीबी ऑफिस पहुंचे मंत्री

उधर, जब इस मामले की खबर मिली तो भजनलाल सरकार के कैबिनेट मंत्री किरोड़ीलाल मीणा भी डॉ खरे के साथ हो लिए। उन्होंने करीब 20 दिन पहले सीएम भजनलाल से बुजुर्ग डॉ खरे को मिलवाया और जब जांच आगे बढ़ती नहीं दिखी तो आज वे खुद उनके साथ एसीबी के दफ्तर पहुंच गए। उन्होंने 92 साज के एनआरआई निवेशक के प्रति असवेदंशीलता के लिए अपनी ही सरकार पर तंज भी कसा। उन्होंने कहा की इनका कब्जा हटाकर सरकार को एक अच्छा मैसेज देना चाहिए।

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मुख्यमंत्री ही बताएंगे बुजुर्ग परेशान क्यों?

एसीबी ने तीनों आरोपियों की गिरफ़्तारी के आदेश दे रखे हैं, एकाउंट भी सील कर रखा है। अमेरिका से निवेश के लिए आये ये बुजूर्ग 92 साल की उम्र में एसीबी के दरवाजे पर खड़े हैं, मैं इसे उचित नहीं मानता हूं। मैं तो मंत्री हूं, मुख्यमंत्री ही बता सकते हैं की ये एनआरआई परेशान क्यों हैं?

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Written By

Rakesh Choudhary

First published on: Nov 29, 2024 09:50 PM

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