OBC Reservation News: राजस्थान में लंबे समय से ओबीसी आरक्षण की विसंगति को लेकर चल रहा मामला फिर से तूल पकड़ने लगा है। जहां सरकार के पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने मोर्चा खोल रखा है वहीं, अब सचिन पायलट के खास माने जाने वाले विधायक मुकेश भाकर ने भी सरकार को घेरा है।
उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट कर कहा कि, “पिछले दिनों शहीद स्मारक पर ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों को लेकर जो धरना प्रदर्शन हुआ तथा उसके बाद सरकार ने जो वादा किया उस वादे के मुताबिक अब तक इस तरफ सरकार की ओर से कोई कदम नहीं उठाए गए है जिसको लेकर ओबीसी वर्ग के युवाओं में सरकार के खिलाफ विरोध देखने को मिल रहा है।”
आगे उन्होंने कहा कि, “मुख्यमंत्री जी आप ओबीसी वर्ग के युवाओं के सामने आकर अपनी ओर से एक बात साफ कर दीजिए की क्या आप किसी के दबाव में ओबीसी वर्ग के युवाओं की आवाज को दबा रहे है या आपकी खुद की ओबीसी आरक्षण विसंगति को दूर करने की कोई इच्छा नहीं है।”
वहीं वर्तमान कांग्रेस की सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, “अगर सरकार ने ओबीसी वर्ग के हित में जल्दी फैसला नहीं लिया गया तो आने वाले समय में सरकार और पार्टी के खिलाफ प्रदेश में जो माहौल बनेगा उसके जिम्मेदार मुख्यमंत्री जी आप खुद होंगे। मेरे लिए पद से पहले प्रदेश के युवाओं को उनका हक दिलवाना प्राथमिकता में है।”
बता दें बीते कल ही बायतू से विधायक हरीश चौधरी ने ट्वीट कर लिखा था कि, ‘ओबीसी आरक्षण विसंगति मामले को कल कैबिनेट बैठक में रखने के बावजूद एक विचारधारा विशेष के द्वारा इसका विरोध चौंकाने वाला है. चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी मैं स्तब्ध हूं आख़िर क्या चाहते हैं आप ? मैं ओबीसी वर्ग को विश्वास दिलाता हूं कि इस मामले को लेकर जो लड़ाई लड़नी पड़ेगी लड़ूंगा।’
लिहाजा, हरीश चौधरी, दिव्या मदेरणा अब मुकेश भाकर के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि ओबीसी वर्ग को आरक्षण के मसले पर वह आर-पार के मूड में है।
ये है पूरा मामला
ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति की माने तो राजस्थान में ओबीसी वर्ग को 21 फ़ीसदी आरक्षण मिला हुआ है लेकिन साल 2018 में सरकार के कार्मिक विभाग ने ओबीसी की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिक का कोटा निर्धारित कर दिया, जिससे भूतपूर्व सैनिक इस पूरे कोटे का लाभ उठा रहे हैं और ओबीसी वर्ग के अन्य अभ्यर्थियों को मौका नहीं मिल पा रहा है।
ये है ओबीसी आरक्षण की मांग
संघर्ष समिति की मांग है कि विभाग ने भर्तियों के लेकर जो उपनियम बनाए हैं उन्हें वापस लिया जाए और भूतपूर्व सैनिकों का कोटा अलग से निर्धारित किया जाए जो ओबीसी वर्ग के 21 फ़ीसदी आरक्षण से अलग हो।