के.जे श्रीवत्सन
राजस्थान के पंचायत राज मंत्री और रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर का गुस्सा उस वक्त फूट पड़ा जब उन्होंने अपने ही विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायतों में गंदगी का अंबार देखा। बुद्धखान और खैराबाद गांव के सरप्राइज इंस्पेक्शन के दौरान जब स्थानीय महिलाओं ने सफाई व्यवस्था की पोल खोली तो मंत्री ने तुरंत एक्शन लेते हुए ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश दे दिए। मंत्री ने साफ कहा कि “चाहे कोई भी हो, सफाई में लापरवाही नहीं चलेगी।”
महिलाओं की शिकायत पर मंत्री हुए सख्त
ग्रामीण महिलाओं से बातचीत के दौरान सामने आया कि गांव में सफाई नियमित रूप से नहीं होती। झाड़ू दो-तीन दिन में एक बार ही लगती है और नालियां भी जाम पड़ी हैं। यह सुनते ही मंत्री का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कहा कि जब रोजाना सफाई नहीं हो रही तो फिर अधिकारियों और ठेकेदारों की जिम्मेदारी क्या है?
ठेकेदार और अफसरों पर गिरी गाज
मंत्री ने तत्काल विलेज डेवलपमेंट ऑफिसर प्रेमचंद को फोन लगाया और जवाब मांगते हुए पूछा कि सफाई क्यों नहीं हो रही। जब अधिकारी ने ठेकेदार की मनमानी की बात कही तो मंत्री ने तुरंत ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर को निर्देश दिया कि ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट किया जाए, ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई हो और सरपंच के खिलाफ रिपोर्ट तैयार की जाए।
अपनों को भी दी चेतावनी
मंत्री दिलावर ने अपने सख्त तेवर दिखाते हुए यहां तक कह दिया कि “कोई भी हो, मेरे काका हों या पिता, अगर सफाई नहीं कर रहे तो उन्हें भी ब्लैक लिस्ट कर दो।” उन्होंने साफ कहा कि सफाई में किसी तरह की कमी बर्दाश्त नहीं होगी और यह नियम सब पर बराबर लागू होगा।
पूरे प्रदेश को मिला कड़ा संदेश
मदन दिलावर ने कहा कि अगर मेरी ही विधानसभा में सफाई नहीं हो रही तो मैं प्रदेश के दूसरे हिस्सों में जाकर क्या कहूंगा? वे इन दिनों पूरे राजस्थान में सफाई अभियान की समीक्षा कर रहे हैं और इस सरप्राइज इंस्पेक्शन से उन्होंने यह साफ कर दिया है कि अब लापरवाही नहीं चलेगी। मंत्री की इस सख्ती ने पंचायतों में सफाई व्यवस्था को लेकर नई जागरूकता जगा दी है।