Lok Sabha Chunav 2024 Phase 1 voting Rajasthan: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण का मतदान आज 19 अप्रैल को हो रहा है। देशभर के 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं। पहले चरण में राजस्थान की 12 सीटों पर भी मतदान जारी है, जिसमें गंगानगर-हनुमानगढ़, सीकर, चूरू, बीकानेर, दौसा, झुंझुनूं, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, अलवर, भरतपुर, करौली-धौलपुर और नागौर सीटें शामिल है।
सभी 12 सीटों पर मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच हैं। पहले चरण में 12 सीटों पर 2.54 करोड़ मतदाता वोट डालेंगे। जिनमें 1.32 करोड़ पुरुष और 1.20 करोड़ महिला मतदाता हैं। आइये जानते हैं प्रदेश की 12 सीटों का पूरा लेखा जोखा-
श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ सीट
श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ सीट से भाजपा इस बार निवर्तमान सांसद निहालचंद मेघवाल का टिकट काटकर प्रियंका बालन को प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने कुलदीप इंदौरा को प्रत्याशी बनाया है। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के निहालचंद मेघवाल ने बड़े अंतर कांग्रेस को पराजित किया था। यह सीट भाजपा की सबसे सेफ सीट मानी जाती है। इस सीट पर पंजाबी बनिया, एससी और जट्ट सिख वोटर्स बड़ी तादाद में हैं। जट्ट सिख वोटर्स को छोड़ दें तो बाकी दोनों समुदाय भाजपा की ओर लामबंद हैं।
सीकर सीट
सीकर लोकसभा सीट से भाजपा ने एक बार फिर सुमेधानंद सरस्वती को प्रत्याशी बनाया है। वे पिछले दो चुनाव में लगातार इस सीट से जीत दर्ज कर चुके हैं। वहीं कांग्रेस ने इस बार इस सीट पर सीपीएम से गठबंधन किया है। सीपीएम ने अमराराम को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर जाट और राजपूत वोटर्स बड़ी तादाद में हैं। राजपूत वोटर्स भाजपा का परंपरागत वोट बैंक हैं वहीं जाट वोट बैंक बंट सकता है क्योंकि भाजपा के सुमेधानंद और सीपीएम प्रत्याशी अमराराम दोनों जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। इस सीट पर पहली बार रोचक मुकाबला होगा। हालांकि बाजी सुमेधानंद के ही हाथ लगेगी।
चूरू सीट
चूरू लोकसभा सीट पर इस बार भाजपा ने सिटिंग सांसद राहुल कस्वां का टिकट काटकर पैरालंपियन देवेंद्र झाझड़िया को प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने भाजपा से आए राहुल कस्वां को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में भावनात्मक रूप से राहुल के साथ जुड़ा जाट वोट बैंक उनके पक्ष में जा सकता है। लेकिन राजपूत वोटर्स लामबंद हो जाते हैं तो झाझड़िया की जीत निश्चित है। कांग्रेस इस सीट से उम्मीद लगाए बैठी है। हालांकि ये तो वक्त बताएगा कि यहां की जनता किसके सिर जीत का सेहरा बांधती है।
बीकानेर सीट
इस सीट से भाजपा ने लगातार चौथी बार केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को प्रत्याशी बनाया है। मेघवाल इससे पहले जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। वे 2009 से लगातार बीकानेर से सांसद हैं। इस बार उनका मुकाबला उनकी बिरादरी से आने वाले पूर्व मंत्री गोविंदराम मेघवाल से हैं। गोविंदराम 2023 के विधानसभा चुनाव में खाजूवाला से चुनाव लड़े थे लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इस सीट पर 2004 से ही भाजपा का कब्जा है। ऐसे में यह सीट भी भाजपा की सेफ सीट मानी जाती हैं। इस सीट पर जाट, बिश्नोई और एससी वोटर्स अधिक हैं।
दौसा सीट
दौसा सीट पर भाजपा ने इस बार निवर्तमान सांसद जसकौर मीणा का टिकट काटकर कन्हैयालाल मीणा को प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने कांग्रेस सरकार में पूर्व मंत्री मुरारीलाल मीणा को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर किरोड़ीलाल मीणा का अच्छा प्रभाव है। वहीं मुरारीलाल दौसा विधानसभा क्षेत्र वर्तमान में विधायक हैं। यह सीट परंपरागत रूप से तो कांग्रेस की रही है लेकिन पिछले 2 चुनाव में भाजपा यहां लगातार जीत रही है। 2014 में भाजपा के हरीशचंद्र मीणा और 2019 में जसकौर मीणा ने चुनाव जीता था।
झुंझुनूं सीट
इस सीट से भाजपा ने निवर्तमान सांसद नरेंद्र चौधरी का टिकट काटकर शुभकरण चौधरी को प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने यहां से पूर्व केंद्रीय मंत्री बृजेंद्र ओला को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में जाट बाहुल्य सीट पर मुकाबला जाट वर्सेज जाट हो गया है। इस सीट से लगातार दो बार भाजपा चुनाव जीत रही है। 2014 और 2019 में भाजपा के नरेंद्र चौधरी लगातार चुनाव जीते थे। इस बार विधानसभा चुनाव में झुंझुनूं सीट से रीटा चौधरी से हारने के बाद भाजपा ने उनकी जगह शुभकरण को प्रत्याशी बनाया है।
जयपुर शहर
जयपुर शहर सीट से भाजपा ने दो बार के सांसद रामचरण बोहरा का टिकट काटकर दिग्गज नेता भंवरलाल शर्मा की बेटी मंजू शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। समीकरण के हिसाब से भाजपा यहां हमेशा से मजबूत रही है। वहीं कांग्रेस ने गहलोत सरकार में मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास को प्रत्याशी बनाया है। खाचरियावास सिविल लाइंस विधानसभा सीट से 2023 का चुनाव हार गए थे। यह सीट भी भाजपा की सेफ सीट मानी जाती है।
जयपुर ग्रामीण
जयपुर ग्रामीण सीट से 2014 और 2019 में भाजपा के राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 2 बार जीत दर्ज की। उनके विधानसभा चुनाव 2023 में जीतने के बाद मंत्री बन जाने के कारण भाजपा ने यहां से राव राजेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने अनिल चोपड़ा को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट पर भी लंबे समय से भाजपा जीत रही है।
अलवर सीट
अलवर सीट से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव को प्रत्याशी बनाया है। वहीं उनके सामने कांग्रेस के युवा ललित यादव चुनौती दे रहे हैं। ललित यादव ने विधानसभा चुनाव 2023 में भारी मतों से जीत दर्ज की थी। परंपरागत रूप से यह जिला कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। लेकिन पिछले 2 चुनाव में भाजपा को इस सीट से जीत मिली है।
भरतपुर सीट
इस सीट पर भाजपा ने इस बार रामस्वरूप कोली को प्रत्याशी बनाया है। कोली लगातार 2 बार धौलपुर सीट से 1996 और 1998 में सांसद रह चुके हैं। पार्टी ने 2014 और 2019 में भी इस सीट पर जीत दर्ज की थी। ये और बात है कि पार्टी यहां से हर बार चेहरा बदल रही है। बता दें कि भरतपुर सीएम भजनलाल शर्मा का गृह जिला है।
करौली-धौलपुर सीट
इस सीट से भाजपा ने दो बार के सांसद मनोज राजौरिया का टिकट काटकर इंदु देवी जाट को प्रत्याशी बनाया है। वहीं कांग्रेस ने गहलोत सरकार में मंत्री रह चुके भजनलाल जाटव को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर एससी-एसटी वोटर्स निर्णायक भूमिका में रहते हैं।
नागौर सीट
जाट बाहुल्य नागौर सीट पर भाजपा के लिए नाक का सवाल बन गई है। इस सीट से भाजपा ने दिग्गज मिर्धा परिवार की ज्योति मिर्धा को उम्मीदवार बनाया है। वहीं उनके सामने कांग्रेस और आरएलपी के गठबंधन के उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल मैदान में हैं। इस सीट पर जनरल और अल्पसंख्यक वोटर्स निर्णायक भूमिका में है। हनुमान बेनीवाल 2019 में एनडीए के संयुक्त उम्मीदवार थे। वहीं 2014 में भाजपा के सीआर चौधरी ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी। इस सीट से 2009 में ज्योति मिर्धा कांग्रेस के टिकट चुनाव जीत चुकी है।
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