Jaipur Serial Blast Case: जयपुर ब्लास्ट मामले में आज सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई को तैयार हो गई। इसके साथ ही कोर्ट ने ब्लास्ट मामले में बरी किए गए 4 दोषियों को नोटिस भी जारी किया है। ब्लास्ट की जांच करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ हो रही जांच पर भी रोक लगाने का आदेश दिया है।
गहलोत सरकार ने दायर की थी याचिका
बता दें कि गहलोत सरकार ने राजस्थान उच्च न्यायालय के जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट मामले में चारों दोषियों की रिहाई के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की।
हाईकोर्ट ने पलटा था निचली अदालत का फैसला
बता दें कि राजस्थान उच्च न्यायालय ने 29 मार्च को निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए ब्लास्ट मामले में चारों आरोपियों को बरी कर दिया था। इसके साथ ही कोर्ट ने जांच में लापरवाही बरतने के चलते अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई थी। इस फैसले के बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
इस मामले में विपक्षी पार्टी बीजेपी के विरोध के चलते गहलोत सरकार ने तत्कालीन एजीजी राजेंद्र यादव को पद से हटा दिया था। फैसले के बाद बीजेपी ने गहलोत सरकार पर तुष्किरण की राजनीति का आरोप लगाया था। इस संबंध में बीजेपी ने हाल ही में जयपुर के 250 वार्डों में विरोध प्रदर्शन किया था। इससे पहले जयपुर में बीजेपी विधायकों ने विधानसभा तक विरोध मार्च निकाला था।
2008 में 8 धमाकों से दहल गया था जयपुर
उल्लेखनीय है कि जयपुर में 13 मई 2008 को हुए सिलसिलेवार बम विस्फोट में 71 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं 185 लोग घायल हो गए थे। मामले में तत्कालीन वसुंधरा सरकार ने प्रदेश में पहली इस मामले की जांच के लिए एसओजी का गठन किया था।
मामले में निचली अदालत ने 2020 में फैसला सुनाते हुए एक आरोपी शहबाज हुसैन को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। वहीं मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान, सरवर आजमी और मोहम्मद सलमान को हत्या, राजद्रोह समेत अनेक धाराओं में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी।
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