Jaipur: राजस्थान सरकार के मंदिरों में गैर ब्राह्मणों की नियुक्ति के फैसले के बाद इसका विरोध शुरू हो गया है। कई ब्राह्मण संगठनों से इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। हालांकि इस मामले में अभी सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। बता दें कि पुजारियों की भर्ती वसुंधरा सरकार के दौरान हुई थी। लेकिन इनकी नियुक्ति वर्तमान सरकार के समय हुई है। पिछले दिनों गहलोत सरकार ने जयपुर के 22 अलग-अलग मंदिराें में ब्राह्मण पुजारी नियुक्त किए थे। इनमें एससी, एसटी, ओबीसी समेत 8 महिला पुजारी नियुक्त किए है।
सदियों से कुछ कार्य विशेष समुदाय ही करता आ रहा है
सर्व ब्राह्मण सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने बताया कि गहलोत सरकार की ओर से देवस्थान विभाग के मंदिरों में पुजारी के 22 पदों पर गैर ब्राह्मणों की नियुक्ति की जा रही है। जो ब्राह्मण समाज को किसी भी प्रकार से स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह की नियुक्ति को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विभाग के मंदिरों में केवल ब्राह्मणों को ही नियुक्त किया जाए। उन्होंने आगे कहा कि नियुक्ति से पहले सरकार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि समाज में कुछ कार्य विशेष समुदाय ही करता आ रहा है।
सेवा और पूजा ब्राह्मण अनंतकाल से करते आ रहे हैं
उन्होंने आगे कहा कि कुछ दिनों पहले सरकार को सफाई कर्मचारियों की भर्ती का रद्द करना पड़ा था। क्योंकि सरकार ने भर्ती में अन्य समुदायों को शामिल कर लिया था। दिनेश शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार मस्जिद और गिरजाघर में सेवा और देखरेख का कार्य उन्हीं धर्म के व्यक्ति करते है, उसी प्रकार हिंदू मंदिरों में सेवा और पूजा का कार्य ब्राह्मण अनंतकाल से करते आ रहे हैं। यही उनका मूल कार्य रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार तत्काल प्रभाव से इन नियुक्तियों को रद्द कर दें अन्यथा मजबूरी वश समाज को सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करना पड़ेगा।
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