Jaipur News: आयुष राज्यमंत्री सुभाष गर्ग ने गुरुवार को जयपुर में राष्ट्रीय आरोग्य मेले के शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की निरोगी राजस्थान की संकल्पना की दिशा में राज्य सरकार प्रदेश में आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा पद्धति को लगातार बढावा दे रही है।
जिसके कारण आयुष पद्धति के प्रति लोगों में रूझान बढ़ा है और यह एलोपैथी के मजबूत विकल्प के रूप में उभर रही है। अन्य राज्यों के समक्ष राज्य सरकार की यह एक अनुकरणीय पहल है।
आयुष में राजस्थान देश में अव्वल
आयुष राज्यमंत्री गुरुवार को सीतापुरा स्थित जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर में केंद्रीय आयुष मंत्रालय, राज्य के आयुष विभाग तथा पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय आरोग्य मेले के शुभारंभ समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। डॉ. गर्ग ने कहा कि आयुष के क्षेत्र में राजस्थान देश में अव्वल है। राज्य सरकार हर पंचायत स्तर पर आयुष आधारित चिकित्सा और स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित करने की दिशा में काम कर रही है।
कोरोना संकट में होम्योपैथी बनी वरदान
आयुष राज्य मंत्री ने आयुष के क्षेत्र में राजस्थान की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि राजस्थान के जोधपुर में देश का दूसरा आयुर्वेद विश्वविद्यालय है। प्रदेश में कोरोना महामारी और लम्पी संकट के दौरान होम्योपैथी ने शानदार काम किया। कोविड के समय आयुष विभाग द्वारा विकसित काढ़ा पूरे देश-दुनिया में कारगर सिद्ध हुआ है।
मेले में औषधियां की जाएगी प्रदर्शित
मेले के नोडल अधिकारी जितेंद्र सिंह कोठारी ने बताया कि 23 अप्रेल तक आयोजित राष्ट्रीय आरोग्य मेले में लगभग 100 स्टॉल्स के माध्यम से विभिन्न आयुष उपकरण एवं औषधियां प्रदर्शित की गई हैं। जिनके माध्यम से आगंतुकों को जागरूक किया जाएगा। कोठारी ने बताया कि आरोग्य मेले में आयुष उद्योग प्रदर्शनी, निशुल्क ओपीडी, दवा वितरण, उपचार एवं परामर्श के साथ-साथ आयुर्वेद, होम्यो, यूनानी, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों का प्रदर्शन किया जाएगा।