राजस्थान में बीमा कंपनियों को चूना लगाने वाले एक हाई-प्रोफाइल गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। बाड़मेर पुलिस ने 20 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड सताराम जाट को जयपुर से गिरफ्तार किया है। आरोपी विदेश भागने की तैयारी कर रहा था, लेकिन पुलिस की पकड़ में आ गया। आरोपी और उसका गैंग महंगे ट्रक-ट्रेलर खरीदते और फिर अलग-अलग थानों में उनकी चोरी की झूठी रिपोर्ट दर्ज कराते थे। इसी रिपोर्ट के आधार पर बीमा कंपनियों से करोड़ों का क्लेम उठाया जाता था।
कैसे चलता था खेल?
चोरी दिखाए गए वही गाड़ी अरुणाचल प्रदेश में नए नंबर पर रजिस्टर करा लिए जाते थे। बाद में इन्हें तेल कंपनियों में किराए पर चलाकर कमाई होती थी। कई मामलों में तो गाड़ियां कागजों पर ही मौजूद थी। यानी कि न गाड़ी खरीदी, न चोरी, लेकिन बीमा क्लेम मिल गया। कुछ मामलों में गाड़ियां जलाकर भी क्लेम उठाया गया। आरोपी एक ही गाड़ी से डबल फायदा हुआ। बीमा कंपनी से क्लेम भी और किराए की कमाई भी अच्छी करता था।
कहां तक फैला जाल?
पुलिस ने जांच में खुलासा किया कि आरोपी ने दिल्ली और गुजरात में भी फर्जी मुकदमे दर्ज करवाए। गिरोह ने टोयोटा हाईलक्स गाड़ियां फाइनेंस पर खरीदीं और बीमा क्लेम उठाने के बाद इन्हें डोडा तस्करों को बेच दिया। 7 अगस्त को गुड़ामालानी थाने में ट्रक चोरी की झूठी एफआईआर दर्ज करने और फर्जी क्लेम का मामला दर्ज हुआ। इसकी खबर लगते ही आरोपी यूपी से अपनी बेटी को लेकर जयपुर पहुंचा। वीजा बनवाने की कोशिश करने लगा। इसी दौरान पुलिस ने उसे दबोच लिया।
पुलिस ने अब तक इनके पास से 3 गाड़ियां जब्त की हैं। ईडी और आयकर विभाग को जानकारी भेजकर उनकी संपत्ति जब्ती की तैयारी शुरू कर दी गई है। गिरोह के अन्य साथी हनुवंत सिंह, जोगेंद्र चौधरी, मोहनराम और कई अन्य की तलाश जारी है।
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