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राजस्थान

इतने शातिर ठग; PhonePe को ही लगा दिया चूना, ऐसे झांसा देकर खुद के खातों में डाले करोड़ों रुपये

Jaipur Cyber Fraud Case: राजस्थान की राजधानी जयपुर में चौंका देने वाला मामला सामने आया है। दो युवकों ने झांसा देकर नामी कंपनी को ही चूना लगा दिया। पुलिस ने दोनों शातिरों को अरेस्ट कर लिया है। आरोपियों से कैश रिकवर हुआ है। पुलिस जांच कर रही है कि दोनों ने किसी और से तो ठगी नहीं की?

Author Edited By : Parmod chaudhary Updated: Jul 21, 2024 21:00
Cyber Fraud

Rajasthan Crime News: आपने ठगी के कई मामले सुने होंगे। लेकिन जो मामला अब बताने जा रहे हैं, उसे जानने के बाद आप हैरान रह जाएंगे। दो ऐसे ठग सामने आए हैं, जिन्होंने नामी कंपनी को ही चूना लगा दिया। राजस्थान के जयपुर में मामला सामने आया है। दो शातिर युवकों ने कस्टमर सर्विस का झांसा देकर फोन पे कंपनी को 4 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया। आरोपियों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। उनसे 4 लाख रुपये कैश, 70 क्रेडिट और डेबिट कार्ड व 6 मोबाइल बरामद किए गए हैं। जयपुर के साइबर थाने में केस दर्ज किया गया है।

कंपनी ने 27 जून को दर्ज करवाया था केस

पुलिस अधिकारी श्रवण कुमार के मुताबिक 27 जून को फोन पे कंपनी की ओर से केस दर्ज करवाया गया था। जिसमें बताया गया कि 6 महीने में उनके साथ दो आरोपियों ने 964 कार्ड्स का यूज कर ठगी की है। कंपनी को तीन करोड़, 97 लाख, 28 हजार 561 रुपये का चूना लगाया गया है। ये ठगी डेबिट और क्रेडिट कार्ड सर्विस प्रोवाइडर पे बैक सुविधा का मिसयूज करके की गई है। इस सुविधा में कस्टमर के पैसे व्यापारी के पास नहीं जाते, सारा भुगतान फोन पे करता है।

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ठगी के लिए 698 पे बैक की रिपोर्ट अभी आनी है। जब कंपनी को आरोपियों की करतूतों का पता लगा तो साइबर थाने में मामला दर्ज करवाया गया। आरोपियों की पहचान लालसोट के श्रीरामपुरा गांव के 24 वर्षीय युवक मनराज मीणा और मेहंदीपुर बालाजी सिकराय के नाहरखोरा के रहने वाले 23 वर्षीय लेखराज सेहरा के तौर पर हुई है।

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फर्जी दस्तावेज देकर जुड़े फोन पे से

दोनों जब फोन पे से जुड़े थे, तब फर्जी दस्तावेज दिए गए थे। जो लोग फोन पे की पोस मशीन पर ट्रांजेक्शन नहीं कर पाते थे, ये लोग उनकी मदद करते थे। फोन पे को ग्राहक की शिकायत आती थी कि पैसे कट गए, लेकिन व्यापारी के खाते में नहीं गए। तब ये ठग क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड सर्विस प्रोवाइडर बैंक से संपर्क करते थे। फोन पे तो आरोपियों के खाते में पैसा जमा कर देता था। वहीं, ये लोग पेमेंट करने वाले को पैसे देने के बजाय खुद निकाल लेते थे। शिकायत करने वाले को सिर्फ भरोसा देते थे। एडिशनल पुलिस कमिश्नर कैलाश बिश्नोई ने बताया कि फोन पे को जब पता लगा तो आरोपियों ने काम बंद कर दिया था।

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First published on: Jul 21, 2024 05:05 PM

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