Jaipur: संजीवनी मामले में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर याचिका पर गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट ने समन जारी किया है। कोर्ट ने सीएम गहलोत को 7 अगस्त को पेश होने को कहा है। बता दें कि सीएम गहलोत ने संजीवनी घोटाले में केंद्रीय मंत्री और उनके परिवार को आरोपी बताया था। इसके बाद शेखावत ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में मानहानि का केस दायर किया था।
सीएम ने पूरे परिवार पर साधा था निशाना
सीएम अशोक गहलोत ने 21 फरवरी को सचिवालय में बजट की समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि संजीवनी घोटाले में गजेंद्र सिंह के मां-बाप, पत्नी सहित पूरा परिवार शामिल है। इस घटना से पहले भी दोनों नेताओं के इस मामले को लेकर लगातार बयानबाजी होती आई है। मानहानि की याचिका दायर होने के बाद सीएम ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि पूरा घोटाला कागजों पर है। गजेंद्र सिंह के मानहानि का स्वागत है। कम से कम इस बहाने केस आगे बढ़ेगा। उन्होंने पीएम मोदी से शेखावत को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की थी।
दिल्ली पुलिस ने की थी प्रारंभिक जांच
सीएम के इस बयान के बाद केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में मानहानि की याचिका दायर की थी। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को प्रारंभिक जांच का आदेश दिया था। हालांकि जांच के दौरान दिल्ली पुलिस ने सीएम गहलोत को कोई समन जारी नहीं किया था।
जानें क्या है संजीवनी घोटाला
साल 2008 में राजस्थान सोसायटी एक्ट के तहत संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी का पंजीयन हुआ। 2010 में यह सोसायटी स्टेट से मल्टी स्टेट सोसायटी बन गई जिसका लाइसेंस केंद्र ने दिया। शुरूआत में इस सोसाइटी की 237 शाखाएं खोली गईं। इनमें से राजस्थान में 211 एवं गुजरात में 26 शाखाएं हैं, देखते ही देखते कई ब्रांच खोल कर फर्जी कंपनियों को लोन बांटे गए। राजस्थान से करीब 1,46,991 निवेशकों से 950 करोड़ से अधिक की ठगी की गई।
सोसाइटी की लेखा पुस्तकों में 1100 करोड़ रुपये के ऋण दिखाए गए हैं इनमें अधिकतर बोगस ग्राहक हैं। ऐसे बोगस ऋणों की संख्या करीब 55 हजार है एवं औसत ऋण प्रति व्यक्ति करीब 2 लाख है। कुल ऋण करीब 1100 करोड़ रुपये का दर्शाया गया है। मामले में एसओजी की जांच के दौरान कई गिरफ्तारियां हुईं और जांच में हजारों खाते फर्जी साबित हुए। इस घोटाले के मास्टर माइंड और सोसाइटी के पहले मैनेजिंग डायरेक्टर विक्रम सिंह की गिरफ्तारी हो चुकी है।
मामले में ऐसे आया केंद्रीय मंत्री का नाम
दरअसल, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत संजीवनी घोटाले के मास्टर माइंड और मुख्य आरोपी विक्रम सिंह के नजदीकी बताए जाते हैं। शेखावत व विक्रम सिंह की इथोपिया की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर हैं। पीड़ितों का भी कहना है कि कंपनी में निवेश के समय केंद्रीय मंत्री शेखावत का नाम प्रमुखता ही से लिया गया था। विक्रम सिंह ने शेखावत और उनके साथ की फोटो और उनका शेयर में होल्ड आदि दिखा कर निवेश करवाया था और कहा था कि शेखावत उनका पैसा नहीं डूबने देंगे।