राजस्थान की राजधानी जयपुर में करीब 17 साल पहले 13 मई 2008 को हुए सीरियल धमाकों के दौरान शहर के चांदपोल बाजार स्थित भगवान राम के मंदिर के निकट जिंदा बम मिले थे। इस मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाया गया। कोर्ट ने चारों आतंकियों को दोषी करार दिया है। हालांकि, 124 (a) के तहत दर्ज आरोपो में बरी किया गया है, लेकिन बाकी तमाम धाराओं के तहत ये आतंकी दोषी करार दिए गए हैं। 124 A का मतलब राजद्रोह है और केवल इसी आरोप से चारों को बरी करते हुए बाकी आरोपों में दोषी ठहराया है।
8 अप्रैल को सुनाई जाएगी सजा
सरकारी और बचाव पक्ष की बहस पूरी होने के बाद विशेष अदालत ने 29 मार्च को फैसला सुनाने का दिन तय किया था, लेकिन उस दिन फैसला नहीं सुनाते हुए 4 अप्रैल का दिन तय किया गया। जयपुर बम ब्लास्ट मामलों की विशेष अदालत में जज रमेश कुमार जोशी ने जिंदा बम प्लांट करने के मामले मे सैफुर्रहमान, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज अहमद को दोषी ठहराया है। इन सभी को सीरियल ब्लास्ट के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इन्हें बरी कर दिया था। फांसी की सजा के मामले में राज्य सरकार की अपील सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है। हालांकि, कोर्ट ने दोषियों की सजा का ऐलान आज नहीं किया है। बताया गया है कि सजा का ऐलान 8 अप्रैल को होगा।
दो दोषी जेल में बंद, दो जमानत पर बाहर
जिन चार आतंकियों को दोषी करार दिया गया है उनमें सैफुर्रहमान और मोहम्मद सैफ जयपुर सेंट्रल जेल में बंद है। वहीं, मोहम्मद सरवर आजमी और शाहबाज जमानत पर बाहर है।13 मई को 2008 को जयपुर में 8 सीरियल ब्लास्ट हुए थे, नौंवा बम चांदपोल बाजार के गेस्ट हाउस के पास मिला था। बम फटने के 15 मिनट पहले इसे डिफ्यूज कर दिया गया था।
71 लोगों की गई थी जान
बता दें कि सिलसिलेवार बम ब्लास्ट में 71 लोगों की जान चली गई थी। एटीएस ने जिंदा बम मामले में इन सभी आरोपियों को 25 दिसंबर 2019 को जेल से गिरफ्तार कर लिया था। एटीएस ने जिंदा बम मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश की थी। इसमें एटीएस ने तीन नए गवाह शामिल किए थे। सुनवाई के दौरान एटीएस ने पत्रकार प्रशांत टंडन, पूर्व एडीजी अरविंद कुमार और साइकिल कसने वाले दिनेश महावर सहित कुल 112 गवाहों के बयान दर्ज किए थे।