केजे श्रीवत्सन, जयपुर
Jaipur Ajmer Accident: अजमेर हाईवे पर एलपीजी टैंकर में आग लगने के बाद फटने के मामले में अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा हादसे में झुलसे 24 लोग फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं। इस हादसे की जांच चल रही है, 23 दिसंबर को इस हादसे पर गठित जांच कमेटी अपनी रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंपेगी। इससे पहले शनिवार को डीआईजी पंकज चौधरी ने हाईवे पर सड़क हादसों से बचाव के लिए कुछ पॉइंट सरकार के पास भेजे हैं।
ये सुझाव और मार्गदर्शन भविष्य में दुर्घटना से बचाव के लिए दिए गए हैं। इसके अलावा स्थानीय पुलिस ने हाईवे पर निगरानी बढ़ा दी है। खासकर रात में इंटरस्टेट एंट्री करने वाले ट्रकों पर नजर रखी जा रही है। बता दें अजमेर हादसे में भी ट्रक ने एलपीजी टैंकर में पीछे से टक्कर मारी दी, जिसके बाद आग लगने के बाद टैंकर फट गया था।
“Ajmer Road”Who will take responsibility for this accident in Jaipur, hundreds of people have lost their lives in this accident! pic.twitter.com/5Fv1u5AoW0 pic.twitter.com/r5wrrb5lrq
---विज्ञापन---— MONIKA (@MONIKA62892) December 20, 2024
1 ठंड में सुबह कोहरा व कम विजिबिलिटी होने के कारण वाहनों की स्पीड कम से कम होनी चाहिए। दिन के समय यात्रा करने की सलाह दी जाए, जिससे दुर्घटना की संभावना कम रहे।
2 ज्वलनशील पदार्थ ले जाने वाले वाहनों के लिए NHAI, परिवहन विभाग व अन्य एजेंसियों द्वारा एसओपी बनानी चाहिए ताकि इन वाहनों के यू टर्न या लेन बदलने के लिए निर्धारित सुरक्षात्मक बिंदुओं का पालन हो।
3 यू टर्न घातक है, यदि फिर भी ज़रूरी है तो यू टर्न से लगभग 200 मीटर पर विपरीत दिशा से आने वाले वाहनों की गति धीमी कराई जानी चाहिए। ताकि एक्सीडेंट की संभावना कम हो जाए। अंधेरे या कम विसिबिलिटी में क़तई यू टर्न नहीं लिया जाना चाहिए। यू टर्न के लिए पर्याप्त जगह होना व ट्रैफिक की कंडीशन का ध्यान रखा जाये।
4 NHAI को बड़े ट्रोला वाहनों व ज्वलनशील वाहनों की स्पीड व लेन बदलने की प्रक्रिया का लगातार परीक्षणकरते रहना चाहिए। NHAI वाहनों की गश्त नियमित होनी चाहिए ताकि ज्वलनशील पदार्थ लेकर चलने वाले वाहनों पर निगरानी रहे।
5 पुलिस गश्त के दौरान पुलिसकर्मी इस प्रकार की वाहनों की सुरक्षा मापदंड की जांच करें और ख़ामियां मिलने पर उसे दूरस्त करना चाहिए।
ये भी पढ़ें: ‘यात्रियों को जगाया, बिजली सप्लाई बंद करवाई’, जयपुर टैंकर हादसे में कंडक्टर ने देवदूत बनकर बचाईं कई जानें