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राजस्थान

राजस्थान में पेंशन घोटाला: 99 हजार युवा कागजों पर बने बुजुर्ग, 1.75 लाख ‘भूत’ लेते रहे पैसे

Rajasthan News: राजस्थान से चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में 99 हजार ऐसे लोग मिले जो असल में 40 से 45 साल के हैं लेकिन पेंशन पाने के लिए कागजों में 60 साल के हो गए। वहीं 1.75 लाख लोगों के मरने के बाद भी उनके खाते में पेंशन जाती रही। विस्तार से पढ़िए रिपोर्ट।

Author Written By: kj.srivatsan Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Jul 3, 2025 21:29

Rajasthan News: फर्जीवाड़ा के जमाने में राजस्थान में समय से पहले 99 हजार युवाओं को बुढ़ापा आ गया। 40 से 45 साल के युवा हर महीने महज 1250 रुपये पाने के लिए 60 साल के बन गए। फर्जी कागज लगाकर उन्होंने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ उठाते रहे जबकि असल हकदार कहीं लाइन में ही लगे रहे। वहीं 1.75 लाख ऐसे बुजु्र्ग पेंशन ले रहे थे जो अब इस दुनिया में हैं ही नहीं। इसका खुलासा तब हुआ जब जन आधार के जरिए प्रदेश  सरकार ने भौतिक सत्यापन कराना शुरू किया। सरकारी ऑडिट रिपोर्ट में ऐसे कई खुलासे हुए।

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एक योजना में इतने घोटाले

1,75,076 मामलों में मृत्यु के बाद भी पेंशन जारी रही।

99,677 अल्पवयस्क या जवान व्यक्तियों ने पेंशन प्राप्त की।

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78,947 लोगों ने अन्य राज्यों में रहते हुए पेंशन ली।

42,810 ने झूठी जानकारी दी

22,159 लोगों के परिवार के सदस्य सरकारी सेवा में थे

1,061 खुद सरकारी कर्मचारी हैं।

415 लोगों ने पहले से सरकारी पेंशन होने के बावजूद सामाजिक पेंशन भी ली।

17,720 मामले डुप्लिकेट (दोहराए गए) पाए गए।

13,326 व्यक्ति इनकम टैक्स देते हैं

6,531 लोगों के करीबी रिश्तेदार सरकारी नौकरी में थे।

1,410 मामलों में विधवाओं के पुनर्विवाह के बाद भी पेंशन जारी रही।

—- ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार

क्या है असल योजना

दरअसल राजस्थान में ऐसे लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जाती है, जो राजस्थान का मूल निवासी हो। सालाना परिवार की आय 48 हजार से ज्यादा नहीं हो और पुरुष की उम्र 58 से अधिक और महिलाओं की उम्र 55 साल से अधिक हो। इसके अलावा या 40 फीसदी से ज्यादा विकलांग हो। राज्य सरकार ने बजट 2025-26 में 90 लाख से भी अधिक दिव्यांगजनों, किसानों, विधवाओं और वृद्धजनों को मिलने वाली सामाजिक सुरक्षा योजना को मासिक 1150 रुपये से बढ़ाकर 1250 रुपये कर दिया है।

गहलोत सरकार में भी हो चुकी है जांच

दो साल पहले अशोक गहलोत सरकार ने भी ऐसी शिकायत की जांच कराई थी, तो उस वक्त का सरकारी रिकॉर्ड भी बता रहा था कि 1 लाख 75 हजार 76 ऐसे लोग भी थे, जिनकी मौत हो चुकी थी। लेकिन उनके बैंक खातों में हर महीने पेंशन आ रही थी। अब नई ऑडिट रिपोर्ट में भी भजनलाल सरकार के राज में 99 हजार जवान लोगों द्वारा बुजुर्ग बनकर पेंशन उठाने का नया मामला सामने आ गया।

जिम्मेदार मंत्री ने कांग्रेस पर फोड़ा ठिकरा?

मामले में प्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय भी इस प्रकार के बहुत सारे प्रकरण होते थे। लेकिन सरकार उसे गंभीरता से नहीं लेती थी। हमें भी कई ऐसे मामले मिले हैं जिसमें अपात्र व्यक्तियों ने पात्रता बताक़र फर्जी तरीके से पेंशन उठाई है। उनसे रिकवरी का प्रयास किया जा रहा है। उनके खिलाफ FIR भी दर्ज कराई जाएगी। आने वाले समय में दोबारा कोई फर्जी दस्तावेज के आधार पर पेंशन का लाभ नहीं ले सके, इस पर विभाग प्रभावी मॉनिटर कर रहा है।

कांग्रेस के पूर्व मंत्री ने दी सफाई

पिछली कांग्रेस में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री रहे टीकाराम जूली ने कहा कि यह चीज गलत है। हमारे समय में भी कुछ लोगों ने इस प्रकार का फर्जीवाड़ा किया था। हमने उसकी जांच करवाकर लोगों को ब्लॉक करने का काम किया था। यह प्रावधान करवाया था कि आधार कार्ड और जन-आधार में आयु में कोई फेरबदल करता है, तो वह कलेक्टर की परमिशन से ही होगा। सरकार को इसके खिलाफ सख्त कदम उठाना चाहिए। जिन लोगों के लिए पेंशन आती है, उन्हीं को मिलनी चाहिए। हमारे समय हुआ था वह तो मैं खुद ही कह रहा हूं, उसके बाद हमने उसे रोका भी।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कसा तंज– कहीं तो मंत्री ही फर्जी

मामले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने तंज कसते हुए कहा कि कहीं तो फर्जी मंत्री ही बन गए हैं, अब क्या किया जा सकता है। कोई इन्हें समझाए कि मंत्री बने हैं केवल फोटो खिंचवाने के लिए नहीं। यदि कोई फर्जी पेंशन ले रहा है तो उसे पकड़ना चाहिए न कि केवल उद्घाटन तक सीमित रहें। बजरी माफिया भी पूरी तरह हावी है मंत्रियों की बजाय राज्यपाल हर जिले में जाकर बैठक ले रहे हैं।

First published on: Jul 03, 2025 09:28 PM

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