राजस्थान के बूंदी जिला अस्पताल में सोमवार को अंधविश्वास का एक मामला सामने आया। यहां 6 महीने बाद मृतक की आत्मा को लेने परिजन अस्पताल पहुंचे। इस दौरान अस्पताल में टोना-टोटका का दौर चला। इतना ही नहीं आत्मा ने चौंकाने वाली मांग करते हुए गुटखा मांग लिया। अंधविश्वास के इस ड्रामे को देखकर हर कोई हैरान रह गया।
अस्पताल के बाहर जुटी भीड़, बना तमाशा-स्थल
परिजनों का कहना था कि मृतक सुनील की आत्मा अस्पताल में भटक रही है, जिसे मंत्र और टोना-टोटकों से मुक्त किया जा सकता है। शनिवार को अस्पताल परिसर में करीब आधे घंटे तक ढोल-नगाड़ों और धार्मिक अनुष्ठानों का नजारा देखने को मिला। इस दौरान अस्पताल के बाहर काफी भीड़ इकट्ठा हो गई, लेकिन परिजनों ने किसी की भी बात नहीं सुनी।
क्या था मामला?
दरअसल, 6 महीने पहले एक सड़क दुर्घटना में सुनील बुरी तरह घायल हो गया था, जिसके बाद उसे बूंदी जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, जहां इलाज का दौरान उसकी मौत हो गई थी। परिजन शनिवार को उसी की आत्मा को लेने पहुंचे थे। परिजनों का कहना था कि सुनील की भटकती आत्मा पिछले कुछ दिनों से परिवार में कुछ ऐसी घटनाएं कर रही थी, जो सबके लिए परेशानी का कारण बना हुआ था।
क्या हुआ अस्पताल में?
मृतक के परिजन अपने साथ एक महिला को लेकर आए थे, बताया जा रहा था कि महिला के ऊपर देवता विराजमान हैं। इसके बाद कुछ ही देर में अस्पताल के एक हिस्से में मंत्रोच्चार शुरू हुआ। लोग जुट गए और तभी उस महिला के मुंह से आवाज निकली और आत्मा की एक अनोखी मांग रख दी। कथित तौर पर आत्मा ने कहा कि ‘मुझे तानसेन गुटखा दो। इसके बाद परिजन तुरंत दौड़े और अस्पताल के बाहर से लाकर आत्मा के लिए गुटखा पेश किया गया। पूरे आधे घंटे तक अस्पताल में ये टोना-टोटका चलता रहा। अस्पताल में मौजूद मरीज, डॉक्टर और नर्सें सभी हैरान होकर इस तमाशे को देखते रहे, लेकिन किसी ने इस अंधविश्वास के खेल को रोकने की हिम्मत नहीं दिखाई। इसके बाद परिजन कथित आत्मा को अपने गांव रामनगर ले गए।
अस्पताल प्रशासन पर उठ रहे सवाल
ऐसे में ये घटना अस्पताल के सिस्टम पर भी कई सवाल खड़े कर रही है। इस घटनाक्रम पर अस्पताल अधीक्षक डॉ. प्रभाकर विजय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अस्पताल में स्टाफ और सुरक्षा कर्मियों की भारी कमी है। उन्होंने कहा कि ‘जब 50 लोगों की भीड़ एक साथ आ जाती है तो हमारे पास उन्हें रोकने की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होती। ट्रॉमा सेंटर के पास पुलिस चौकी है, ऐसे मामलों में कार्रवाई की जिम्मेदारी पुलिस की बनती है।’ उन्होंने बताया कि सुरक्षा बल बढ़ाने की मांग को लेकर कई बार पुलिस अधीक्षक (SP) को पत्र लिखा गया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। हालांकि, बूंदी जिला अस्पताल में होने वाला ये पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।