के जे श्रीवत्सन, डूंगरपुर: उदयपुर के ओढा रेलवे ब्रिज पर हुए ब्लास्ट के बाद घटनास्थल से 70 किलोमीटर दूर डुंगरपुर के आसपुर में मिले विस्फोटक की पहचान हो गई है। नदी में मिले विस्फोटक को धौलपुर की आरईसीएल फैक्ट्री से बनाकर अजमेर के लिए भेजा गया था।
बता दें आसपुर में विस्फोटक के तार धौलपुर से जुड़ने के बाद फैक्ट्री में पहुंचकर मामले की पड़ताल की। आसपुर में मिले विस्फोटक को लेकर फैक्ट्री के एचआर प्रबंधक वी एन श्रीवास्तव से पूछा तो उन्होंने बताया कि 23 मार्च को फैक्ट्री से अजमेर की कृष्णा सेल्स निजामपुरा मैगजीन को ट्रक से 15 टन विस्फोटक भेजा गया था।
मैगजीन के मालिक भीलवाड़ा के गुलाबपुरा निवासी राजेंद्र कुमार बहती की डिमांड पर एक ट्रक में अजमेर माल भेजने के बाद डाटा को स्टोर किया गया। उन्होंने बताया कि आसपुर नदी में मिलें विस्फोटक को अजमेर की मैगजीन से सप्लाई किया गया है जिसकी जानकारी जांच एजेंसियों को दे दी गई हैं। नदी में जिलेटिन की छड़े मिलने को लेकर फैक्ट्री प्रबंधन ने बताया कि धौलपुर की सभी छड़ो पर बारकोड लगाया गया है जिससे उनकी पहचान हुई है।
वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डूंगरपुर के आसपुर में दूसरे दिन विस्फोटक का जखीरा मिलने के तार अभी उदयपुर में रेलवे ट्रैक पर ब्लास्ट मामले से नहीं जुड़े हैं। जांच एजेंसियों को इन दोनों मामले में कोई कनेक्शन नजर नहीं आ रहा है। बता दें डूंगरपुर जिलें की सोम नदी में जिलेटिन की छड़ें मिलने की घटना के बाद तमाम जांच एजेंसियां उदयपुर की घटना से जोड़कर देख रही थी। लेकिन लगातार दो दिन में दो बार विस्फोटक सामग्री मिलना चिंता की बात है।