Rajasthan News: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पचपदरा रिफाइनरी राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए महत्वाकांक्षी परियोजना है। यह ऐसी पहली रिफाइनरी है, जहां तेल शोधन के साथ पेट्रोलियम सह-उत्पादों के निर्माण के लिए पेट्रो-केमिकल कॉम्पलेक्स एक साथ विकसित होंगे। इस परियोजना से राजस्थान पेट्रोलियम आधारित उद्योगों का हब बनेगा। उन्होंने कहा कि यहां सुनियोजित निवेश से स्थानीय लोगों को रोजगार और राज्य को राजस्व मिलेगा। साथ ही विभिन्न उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं पैदा होंगी।
प्रदेश में विकास के नए आयाम होंगे स्थापित
गहलोत ने शुक्रवार को बाड़मेर के पचपदरा स्थित एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड परियोजना की समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि 31, दिसंबर 2024 से पहले ही कॉमर्शियल प्रोडक्शन शुरू होने से विकास की गति बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि यह हमारा ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ है। राजस्थान रिफाइनरी से विशेषकर पश्चिमी क्षेत्र के लोगों का एक बड़ा सपना साकार होगा। प्रदेश आर्थिक विकास के नए आयाम स्थापित करेगा।
हमारी कोशिशों से परियोजना ने पकड़ी गति
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में वर्ष 2013 में शिलान्यास के बाद विभिन्न कारणों से कार्यों पर प्रतिकूल असर पड़ा। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में यह 37,229 करोड़ रूपएए,वर्ष 2017 में 43,129 और अब 72,937 करोड़ रूपए से अधिक की परियोजना हो गई है।
इसके बावजूद खुशी है कि क्षेत्र की जनता के संघर्ष और हमारी सरकार की कोशिशों से परियोजना ने अब गति पकड़ी है। एचपीसीएल के अधिकारी अपने संसाधनों को बढ़ाकर इसे अधिक गति दे रहे हैं। राज्य सरकार परियोजना को शीघ्र पूरा करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।
ग्रीनरी के कार्यों में गति लाने के दिए निर्देश
गहलोत ने प्रमुख रिफाइनरी यूनिट्स और पेट्रो-केमिकल यूनिट्स की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने नवीनतम तकनीक युक्त इस परियोजना के आसपास औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने एवं ग्रीनरी के कार्यों में गति लाने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि परिसर में या नजदीक ही युवाओं के लिए प्रशिक्षण केंद्र शुरू किया जाए। ताकि परियोजना के लिए कुशल मानव संसाधन तैयार हो सके। उन्होंने कहा कि परिसर में ही संसाधन जुटाकर रिफाइनरी के लिए आवश्यक विद्युत आपूर्ति के लिए संभावनाएं भी तलाशी जाए।