Circular Economy Forum : एशिया और प्रशांत क्षेत्र के 12वें क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम के दौरान आज CITIIS 2.0 (City Investments to Innovate, Integrate and Sustain) के तहत शहरों और राज्यों के साथ ₹1,800 करोड़ से अधिक के समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने आज कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बताया कि भारत के 14 राज्यों में 18 शहर – श्रीनगर, जयपुर, उदयपुर, राजकोट, उज्जैन, जबलपुर, पणजी, तिरुवनंतपुरम, तंजावुर, मदुरई, बेलगावी, बिलासपुर, न्यू टाउन कोलकाता, अगरतला, गुवाहाटी, मुजफ्फरपुर, आगरा और बरेली – CITIIS 2.0 के तहत लाइटहाउस प्रोजेक्ट के रूप में चुने गए हैं।
इसमें राजस्थान के जयपुर और उदयपुर भी शामिल हैं। ये 18 शहर चक्रीय अर्थव्यवस्था (Circular Economy) और एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन (Integrated Waste Management) पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इन्हें CITIIS 2.0 के तहत वित्तीय और तकनीकी सहायता प्राप्त होगी, जिससे वे End-To-End Waste Management को लागू कर सकेंगे।
क्या बोले केंद्रीय मनोहर लाल खट्टर?
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने बताया कि CITIIS 1.0 की सफलता ने हमें CITIIS 2.0 को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया, जो Climate Action और Green Infrastructure पर केंद्रित है। CITIIS 2.0 – जलवायु अनुकूलन और चक्रीय अर्थव्यवस्था की दिशा में अगला कदम है। 31 मई 2023 को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा CITIIS 2.0 को मंजूरी दी गई। यह कार्यक्रम प्रधानमंत्री के स्वच्छ, हरित और आत्मनिर्भर भारत के विजन के अनुरूप है।
MoHUA ने इसे AFD, KfW, यूरोपीय संघ और NIUA के सहयोग से विकसित किया है, जो भारत में अंतर्राष्ट्रीय साझेदारी के एक उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में उभर रहा है। CITIIS 2.0 का मुख्य उद्देश्य कोऑपरेटिव और प्रतिस्पर्धी संघवाद को बढ़ावा देना है, जिससे राज्यों और शहरों को एक साथ मिलकर काम करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
लाइटहाउस प्रोजेक्ट्स के लिए चुने गए 14 राज्यों के 18 शहर
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा –”मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत के 14 राज्यों में 18 शहर CITIIS 2.0 के तहत लाइटहाउस प्रोजेक्ट्स के रूप में चुने गए हैं। यह कार्यक्रम राजस्थान की पावन धरती से शुरू किया जा रहा है, और मुझे यह बताते हुए विशेष रूप से खुशी हो रही है कि जयपुर और उदयपुर भी इनमें शामिल हैं। ये 18 शहर चक्रीय अर्थव्यवस्था और एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करेंगे। इन्हें CITIIS 2.0 के तहत वित्तीय और तकनीकी सहायता प्राप्त होगी, जिससे वे End-To-End Waste Management को लागू कर सकेंगे। मैं सभी 18 शहरों से आग्रह करता हूं कि वे अपशिष्ट प्रबंधन की चुनौतियों का सक्रिय रूप से समाधान करें और सुपर स्वच्छ लीग का हिस्सा बनने का प्रयास करें।”
उन्होंने आगे कहा कि डंप साइट्स को पूरी तरह समाप्त करना और 100% कचरे का प्रसंस्करण सुनिश्चित करना इस योजना का मुख्य उद्देश्य होगा। ये 18 शहर चुने गए सर्वश्रेष्ठ शहर हैं। इन शहरों को तेजी, व्यापकता और आवश्यक कौशलों की तैनाती के साथ अपशिष्ट प्रबंधन का नेतृत्व करना होगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जलवायु परिवर्तन शहरों के लिए एक प्रमुख चुनौती है, और अब क्लाइमेट एक्शन शुरू करने का सही समय है।