Budget Reaction: राज्य विधानसभा में बजट पारित हो चुका है। जहां एक तरफ सरकार बजट में की गई घोषणाओं के दम पर अपनी ही पीठ थपथपा रही है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी इसे केवल ख्याली पुलावों वाला बजट बता रही है। सीकर से बीजेपी सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने कहा कि गहलोत सरकार तो अपने 2018 के चुनावी घोषणा पत्र के वादे पूरे नहीं कर पाई तो बजट से हमें कोई उम्मीद नहीं है। गहलोत सरकार राज्य के लोगों के साथ छलावा कर रही है।
सवालः सीएम ने पिछले वर्ष का बजट पढ़ा जिसको लेकर सदन में काफी देर हंगामा हुआ? इस पर आप क्या कहेंगे।
जवाबः बजट पर सीएम का इस प्रकार गैर जिम्मेदार होना किसी भी प्रकार से ठीक नहीं हैं। बजट आने से पूर्व उसकी कई बार जांच की जांच की जाती है। उसके बाद बजट सीएम के पास जाता है। बजट की गोपनीयता भंग हुई है। यह किसी भी प्रकार से स्वीकार्य नहीं है। यह राजस्थान के इतिहास में पहली बार हुआ है। यदि उन्होंने उसे पढ़ा भी है तो फाईलिंग में गलती हुई है। मुझे ऐसा लगता है कि पार्टी की उठापटक का उन पर दबाव है।
सवालः बजट में सभी वर्गाें में को साधने की कोशिश की गई, क्या ये घोषणाएं धरातल पर उतरेगी?
जवाबःअशोक गहलोत अब तक 4 बजट पेश कर चुके है। 2018 के चुनाव के वादे अभी तक पूरे नहीं हो पाए हैं। किसानों का कर्ज अब तक माफ नहीं किया गया। किसानों को कर्ज बकाया के और कुर्की के नोटिस मिल रहे हैं। युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने की बात हुई थी लेकिन अब तक किसी युवा को बेरोजगार भत्ता नहीं मिला है।
सवाल- बजट में ओपीएस का प्रावधान किया गया है, ओपीएस क्या वास्तविकता में धरातल पर उतर पाएगा।
जवाब- बजट में ओपीएस का प्रावधान केवल ख्याली पुलाव है। ओपीएस पर केंद्र सरकार भी चर्चा कर रही है। लेकिन अब तक हमने इस पर कोई प्रस्ताव नहीं लिया हैं। कांग्रेस ने हिमाचल के चुनावों में ओपीएस का वादा किया था, लेकिन अब तक वे उसे लागू नहीं कर पाए हैं। बजट में चिरंजीवी योजना की राशि बढ़ाकर गहलोत सरकार ने राजस्थान के लोगों को झुनझुना दे दिया है।
सवाल- राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक हो रहे हैं, सरकार में ही इस विवाद को लेकर दो गुट बन चुके है, इस पर आप क्या सोचते है?
जवाब- राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। कार्रवाई के नाम केवल दो-चार लोगों को पकड़ लिया गया। इसके अलावा और कोई कार्रवाई नहीं हुई। पेपर लीक के मुख्य सरगना डीपी जारौली को अब तक सरकार पकड़ नहीं पाई है। गहलोत सरकार को यूपी की योगी सरकार से सबक लेना चाहिए और ऐसे लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए। ताकि युवाओं का भविष्य बर्बाद होने से बचाया जा सके।
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सवाल- प्रदेश में गैंगवार की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, जबकि गृह विभाग सीएम के पास है, इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
जवाब- प्रदेश में गैंगवार की घटनाएं अब आम बात हो चुकी है। जोधपुर में जी-20 सम्मेलन से एक दिन पहले गैंगवार की घटना हुई। जयपुर में क्लब के बाहर फायरिंग की गई। उदयपुर में किसी व्यक्ति का धर्म के नाम कत्ल कर दिया जाता है लेकिन उस कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह सब घटनाएं सबूत है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति बहुत खराब है।
सवाल- राजस्थान में तीसरे मोर्चे की कोई संभावना आपको नजर आती है?
जवाब- आज तक राजस्थान में तीसरा मोर्चा नहीं बन पाया है। राजस्थान की स्थिति दूसरे राज्यों से अलग है। राजस्थान, मध्यप्रदेश, छतीसगढ़ और गुजरात जैसे राज्यों में तीसरा मोर्चा कभी अस्तित्व में नहीं आ सकता। यहां मुख्य लड़ाई कांग्रेस और बीजेपी के बीच में है। पार्टी में मनमुटाव की खबरों पर उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी पूरी तरह एकजुट है। पार्टी की राज्य इकाई के सभी नेता राज्य नेतृत्व के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चुनाव परिणामों को अपने पक्ष में करने की कोशिश करेंगे।
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