Bhilwara: रोम जल रहा था और नीरो बांसुरी बजा रहा था ये कहावत अब भीलवाड़ा के लिए हकीकत हो चुकी है शहर के हुक्मरान आँखे खोल कर सो रहे हैं। भीलवाड़ा के आरसी व्यास काॅलोनी सेक्टर 7 स्थित बेशकीमती भूंखड को हड़पने की नीयत से भूमाफिया ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके 25 जनवरी को पंजीयन विभाग में रजिस्ट्री करवा ली।
इतना ही नहीं भू माफिया ने दस्तावेजों में यूआईटी के जेईएन, वरिष्ठ प्रारूपकार, डीटीपी एवं सचिव के फर्जी हस्ताक्षर तक करा लिए। बताया जा रहा है कि भूखंड की कीमत 5 करोड़ रुपए हैं।
भूंखड को बेचने की थी तैयारी
अधिकारियों की मानें तो भू माफिया ने अपने नाम रजिस्ट्री करवाने के बाद उसके बेचने की भी तैयारी चल रही थी। जब बाजार में इस भूखंड के बेचने की चर्चा हुई तब कहीं जाकर यह मामला सबके सामने आया। भूमाफिया के खिलाफ यूआईटी के सहायक लेखाधिकारी अनिल कुमार शर्मा ने सुभाषनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई।
यूआईटी ने लगाया अपना बोर्ड
फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद हरकत में आई यूआईटी ने अब इस भूखंड पर यूआईटी संपत्ति का बोर्ड लगा दिया है। कलेक्टर ने आईजी स्टांप, अजमेर को फर्जी रजिस्ट्री निरस्त करने के संबंध में पत्र भी लिखा है। बता दें कि इससे पहले भी आरसी व्यास काॅलोनी में इस प्रकार के फर्जीवाडे़ के मामले सामने आ चुके हैं।
यूआईटी का फर्जी पत्र किया तैयार
यूआईटी के सचिव ने बताया कि इस भूखंड की 26 दिसंबर से 4 जनवरी तक हुई नीलामी भी रखी गई थी। यूआईटी के प्राॅपर्टी रजिस्टर के अनुसार यह भूखंड खाली पड़ा है। इस भूखंड की 25 जनवरी को अवैध रजिस्टी शंभू लाल बैरागी ने पंजीयन ऑफिस में करवा दी। इतना ही नहीं चैंकाने वाली बात तो यह है कि भूमाफिया ने यूआईटी की ओर से जारी पत्र भी फर्जी रूप से तैयार किया गया है।