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ब्यूरोक्रेट्स की लापरवाही से 93 हजार गेस्ट टीचर की भर्ती नियुक्ति से 5 दिन पहले रुकी, बड़ा सवाल- कैसे पूरा होगा बच्चों का कोर्स?

के जे श्रीवत्सन, जयपुर: राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी की बड़ी लापरवाही की मार 93 हजार बेरोजगार युवाओं पर भारी पड़ गई। जिससे बेरोजगार युवाओं के नौकरी पाने के सपनों को एक बार फिर से तगड़ा झटका लगा है। अधिकारियों की लापरवाही के चलते अशोक गहलोत सरकार को राजस्थान में 93 हजार पदों पर होने वाली शिक्षक […]

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Nov 15, 2022 19:13
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के जे श्रीवत्सन, जयपुर: राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी की बड़ी लापरवाही की मार 93 हजार बेरोजगार युवाओं पर भारी पड़ गई। जिससे बेरोजगार युवाओं के नौकरी पाने के सपनों को एक बार फिर से तगड़ा झटका लगा है। अधिकारियों की लापरवाही के चलते अशोक गहलोत सरकार को राजस्थान में 93 हजार पदों पर होने वाली शिक्षक भर्ती को ही रद्द कर दिया। सरकारी स्कूलों में खाली पदों पर गैस्ट फैकल्टी में ये शिक्षक लगाए जाने थे। इसके बाद सवाल यह उठने लगा है कि मार्च में होने वाली बोर्ड की परीक्षाओं और उसके बाद होने वाली वार्षिक परीक्षाओं से पहले किस तरह स्कूली बच्चों का सिलेबस पूरा हो जाएगा।

नहीं बताया गया कारण

आदेश में माध्यमिक शिक्षा निदेशक गौरव अग्रवाल ने गेस्ट फैकल्टी भर्ती के आदेश स्थगित कर दिए गए हैं। ऐसे में ये भर्ती फिलहाल खटाई में पड़ गई है। चौंकाने वाली बात तो यह भी है कि भर्ती स्थगित करने के आदेश में भी कारण नहीं बताया गया, ताकि शर्मिंदा नहीं होना पड़े। चालू सत्र में विद्या संबल योजना के तहत गेस्ट टीचर्स लगाने की योजना थी, ताकि बच्चों का कोर्स समय पर पूरा किया जा सके। साथ ही नियमों में बदलाव के कारण बीएड, रीट अभ्यर्थी युवाओं को रोजगार मिलने का रास्ता खुला था, लेकिन अधिकारियों के प्रॉपर होम वर्कनहीं करने के चलते इन पूरी भर्ती को ही रद्द करना पड़ा जिस पर खुद सीएम ने भी सफाई दी है।

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सीएम अशोक गहलोत ने दिया बयान

सीएम अशोक गहलोत ने कहा- आरक्षण कानूनी रूप से जरूरी हो गया है सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर मुहर लगा दी है। केलकुलेशन गड़बड़ हुई तो ठीक हो जायेगी, कोई दिक्कत नहीं है हम नौकरी बड़े रूप में दे रहे हैं। हम विश्वास दिलाते हैं कि सरकार उनके साथ खड़ी है उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

16 नवंबर को जारी की जानी थी फाइनल मेरिट लिस्ट

गेस्ट फैकल्टी के 93 हजार पदों भर्ती के लिए स्कूलों में 2 नवंबर से आवेदन मांगे गए थे। फाइनल मेरिट लिस्ट 16 नवंबर को जारी की जानी थी। वहीं 17 और 18 नवंबर को अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच और फिर 19 नवंबर को वर्क चार्ज संभालना था। योजना में टीचर को कक्षा 9 से 10 के लिए 350 रुपए प्रति घंटा और अधिकतम 25 हजार रुपए, कक्षा 11 से 12 के लिए 400 रुपए प्रति घंटा और 30 हजार रुपए अधिकतम सैलरी मिलनी थी।

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इसमें शिक्षक लेवल प्रथम, लेवल द्वितीय, प्रयोगशाला सहायक और शारीरिक शिक्षा शिक्षक को 300 रुपए प्रति घंटा और 21 हजार रुपए अधिकतम महीना सैलरी मिलनी थी, लेकिन विद्या संबल योजना में स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों की भर्ती में आरक्षण का प्रोविजन ही नहीं रखा गया। जिसे लेकर एससी-एसटी संगठनों ने CM और राज्यपाल तक शिकायत पहुंचाकर कोर्ट कचहरी तक जाने की चेतावाई दी। जिसके बाद इस भर्ती आदेश को ही रद्द करना पड़ा और विपक्ष ने इसे लेकर सरकार की नीयत पर ही सवाल खड़े कर दिए।

सचिन पायलट बोले- पूरी करनी चाहिए घोषणा

पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी इन भर्तियों को इस तरह रद्द किये जाने को लेकर सरकार को नसीहत दे दी है। उन्होंने कहा है कि सरकार जो घोषणाएं करती है उसको पूरा करना चाहिए क्योंकि इन घोषणाओं के बाद लोगों की उम्मीदें बढ़ जाती हैं।

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Edited By

Pushpendra Sharma

First published on: Nov 15, 2022 07:13 PM

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