जयपुर: राजधानी से इस वक्त महत्वपूर्ण खबर सामने आ रही है। मनरेगा आयुक्त शिवांगी स्वर्णकार ने बुधवार को जयपुर जिले के उग्रियावास ग्राम पंचायत के दो सुपरवाइजरों को ब्लैक लिस्ट में डालने का निर्देश दिया है। जबकि एक मेट, जो कि जल संरक्षण कार्य के तहत कार्यरत था, वह काम से अनुपस्थित पाया गया और एक अन्य साथी को श्रमिकों की उपस्थिति को दर्ज करने में अनियमितताओं के लिए हटा दिया गया।
आयुक्त शिवांगी स्वर्णकार ने बुधवार को सांगानेर और मौजमाबाद पंचायत समितियों में मनरेगा के तहत चल रही परियोजनाओं का निरीक्षण किया। उगरियावास ग्राम पंचायत में कार्य से अनुपस्थित पाये गये मेट आनंदीलाल को ब्लैक लिस्ट में डालने के निर्देश दिये गये और मेट घासीलाल को श्रमिकों की उपस्थिति दर्ज करने में अनियमितता पाये जाने पर ब्लैक लिस्ट में डालने का निर्देश दिया गया।
मनरेगा आयुक्त ने मौजमाबाद पंचायत समिति के महला ग्राम पंचायत में जल संरक्षण से जुड़े सात कार्यों का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को ग्राम पंचायत स्तर पर ‘सुशासन’ से संबंधित सात रजिस्टरों को अपडेट नहीं करने, जॉब कार्डों में कार्यदिवस अपडेट नहीं करने, भुगतान विवरण दर्ज करने और सात रजिस्टरों को अपडेट नहीं करने के लिए संबंधित ग्राम रोजगार सहायक के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। निरीक्षण के दौरान जयपुर जिला परिषद के नरेगा अधिशासी अभियंता को विभिन्न कार्यों में पाई गई कमियों को दूर कर रिपोर्ट भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं।
मंगलवार को प्रमुख सचिव अपर्णा अरोड़ा ने विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा था कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को लापरवाही या निगरानी के अभाव में योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है तो अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
उन्होंने कहा, “विभिन्न विभागीय योजनाओं की फिजिकल और वित्तीय प्रगति की रैंकिंग में पिछड़ने वाले जिलों को इन कार्यों की नियमित निगरानी और क्षेत्र के दौरे के माध्यम से प्रयास करने की आवश्यकता है।” आगे उन्होंने नियमित अंतराल पर नरेगा कार्यों का निरीक्षण नहीं करने वाले अधिकारियों पर भी नाराजगी व्यक्त की।