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Rajasthan: कावड़ यात्रा स्थगित करने पर प्रदेश में सियासी घमासान जारी, गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप

के जे श्रीवत्सन, जयपुर: राजस्थान के टोंक जिले में कावड़ यात्रा को कावड़ियों ने स्थगित कर दिया है। वजह गहलोत सरकार ने निर्धारित मार्ग पर कावड़ यात्रा को निकालने की अनुमति नहीं दी। जिससे कावड़ियों में रोष व्याप्त हो गया और नाराज़ कावड़ियों ने यात्रा को ही स्थगित कर दिया। हालाँकि प्रसाशन ने एहतिहात के […]

Edited By : Nirmal Pareek | Updated: Aug 3, 2022 14:09
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के जे श्रीवत्सन, जयपुर: राजस्थान के टोंक जिले में कावड़ यात्रा को कावड़ियों ने स्थगित कर दिया है। वजह गहलोत सरकार ने निर्धारित मार्ग पर कावड़ यात्रा को निकालने की अनुमति नहीं दी। जिससे कावड़ियों में रोष व्याप्त हो गया और नाराज़ कावड़ियों ने यात्रा को ही स्थगित कर दिया। हालाँकि प्रसाशन ने एहतिहात के तौर पर फ्लेग मार्च भी किया है। वहीँ इस पुरे मामले को लेकर विपक्ष ने गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया है।

राजस्थान के टोंक के मालपुरा कस्बे में बम-बम भोले और हर-हर महादेव के जयघोष नहीं गूंजेंगे। जहाँ हर साल सावन के महीने में यहाँ कावड़ियों की बड़ी यात्रा निकलती हैं। हिन्दुओ के पालयन मामले को लेकर सुर्ख़ियों में आया मालपुरा एक बार फिर कावड़ियों के इसी पत्र को लेकर चर्चा में है। इस पत्र में सरकार के एक फैसले पर नाराजगी जताते हुवे इस साल कावड यात्रा को ही नहीं निकालने का निर्णय लिया है। कावड़ियों ने इसकी वजह बताई है की सरकार ने कानून व्यवस्था का हवाला देकर कावड़ यात्रा के मार्ग को ही बदल दिया और इसके पीछे की बड़ी वजह यही थी की यह यात्रा मुस्लिम मोहल्लों से होकर भी गुजरती थी।

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उधर राजस्थान सरकार ने इस मसले पर तुष्ठिकरण के आरोपों से इनकार किया है। मंत्री की माने तो बीजेपी कावड यात्रा के नाम पर दंगे भड़काना चाहती है। ऐसे रास्तों से यात्रा की अनुमति मांग रही है जो घनी आबादी के संकड़े हैं। बीजेपी और आरएसएस को आगाह करते हुए मंत्री ने कहा की जिस स्कूल में वे साम्प्रदायिकता की शिक्षा ले रहे हैं, वे उसके प्रिंसिपल हैं।

राजस्थान सरकार में केबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि, प्रदेश में कहीं भी कावड़ यात्रा पर रोक नहीं है, लेकिन मनचाहे तंग गलियों से कावड़ यात्रा को निकालने की अनुमति नहीं दी जायेगी। चौड़े रास्तों से यात्रा निकाले तो किसी को कोई आपत्ति नहीं है। भाजपा और आरएसएस ऐसे रास्तों पर दंगे भड़काने के लिए अनुमति मांगते हैं। हमारी सरकार इनके दंगों के प्लान को सफल नहीं होने देगी। कावड़ यात्राओं को लेकर भाजपा और आरएसएस झूठ फैलाना बंद करें, ये जिस स्कूल में पढ़े हैं वहां का मैं प्रिंसिपल हूँ।

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दरअसल कावड़ियों ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। कावड़ियों का कहना है की जिन मार्ग से हर साल कावड़ यात्रा निकलती आ रही है उस रास्ते को अचानक क्यों बदला गया। सरकार पर पिछले कई महीनों से हो रही शहर दर शहर सांप्रदायिक घटनाओं को देखते हुए विपक्ष तुष्टिकरण का आरोप लगाता रहा है। इस बार विपक्ष ने सत्ता पक्ष को कावड़ यात्रा को लेकर आरोपों के कटघरे में खड़ा किया है।

वहीं प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ का कहना है कि, इससे पहले रामनवमी पर भी इन्होंने शोभायात्रा पर रोक लगा दी। रमजान पर समुदाय विशेष को निर्वाद बिजली देने का आदेश जारी किया। लेकिन अब मुस्लिम मोहल्लों की आड़ में इस यात्रा पर ही बंदिशें लगा दी। यह तुष्टिकरण नहीं है तो और क्या है!

यह पहला मौका नहीं है, जब मुस्लिम प्रेम के चलते गहलोत सरकार को भाजपा ने कटघरे में खडा किया है। लेकिन यह मामला मालपुरा से जुड़ा हुआ है, जो सांप्रदायिक दंगों के लिहाज़ से बेहद ही संवेदनशील माना जाता है। मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से कावड़ यात्रा की अनुमति भले ही कानून व्यवस्था को ध्यान में रखकर नहीं दी हो, लेकिन आबादी की आड़ में धार्मिक यात्रा पर रोक लगाकर भाजपा को एक बार फिर गहलोत सरकार पर हमला बोलने का मौका मिल ही गया है।

 

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Nirmal Pareek

First published on: Aug 03, 2022 02:09 PM
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