जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर राज्य में विभिन्न स्थानों पर मेलों एवं त्यौहारों में सुरक्षा प्रबंधन के संबंध में आयोजित बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने खाटूश्याम जी मंदिर में मची भगदड़ की घटना को बुधवार को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
सीएम गहलोत ने ट्वीट करते हुए कहा कि, “राजस्थान के धार्मिक स्थल पूरे देश में आस्था के केंद्र हैं और सालाना उत्सवों एवं मेलों के अलावा भी यहां धार्मिक स्थलों में हर माह राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों से लाखों श्रद्धालु आते हैं। इस दौरान धार्मिक स्थलों और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए।”
आगे उन्होंने कहा कि, “धार्मिक स्थलों में पैदल यात्रियों के लिए मजबूत कॉरिडोर बनाकर उनकी पालना सुनिश्चित कराई जाए। धार्मिक स्थलों की कमेटियों को सभी तरह की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए दिशा-निर्देश दिए जाए।”
इसके अलावा ये भी कहा कि, “जिला प्रशासन द्वारा नियमित रूप से धार्मिक ट्रस्ट के पदाधिकारियों व धर्मगुरूओं के साथ बैठकें आयोजित कर सभी व्यवस्थाओं पर चर्चा की जाए,ताकि किसी भी तरह की दुर्घटना की आशंका को टाला जा सके।बैठकों में प्रशासन से उनकी व्यवस्थाओं के संबंध में अपेक्षाओं पर भी विस्तृत चर्चा की जानी चाहिए।”
मेहरानगढ़ दुखांतिका में मारे गए 216 लोग
गहलोत ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि, “मेहरानगढ़ स्थित मंदिर में वर्ष 2008 में हुए हादसे से पीड़ित परिवारों की वर्तमान स्थिति जानी जाए। इसके लिए मुख्य सचिव को एक समिति गठित करने के निर्देश दिए। यह समिति मेहरानगढ़ दुखांतिका में मारे गए 216 लोगों के परिजनों की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त करेगी।”
सोमवार सुबह मची थी भगदड़
सीकर जिले के प्रसिद्ध खाटू श्याम जी मंदिर के बाहर सोमवार तड़के भगदड़ मचने से तीन महिलाओं शांति देवी, माया देवी और कृपा देवी (जयपुर) की मौत हो गई। यह भगदड़ तब मची, जब कतार में इंतजार कर रहे श्रद्धा्धालुओं ने मंदिर के पट खुलने पर प्रवेश द्वार में एक साथ घुसने का प्रयास किया। इस घटना में चार अन्य घायल हो गये। राजस्थान और पड़ोसी राज्यों के हजारों लोग एकादशी के पावन पर्व पर प्रसिद्ध मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे।