जयपुर: पिंकसिटी के नाहरगढ बायोलॉजिकल पार्क से दुखद खबर सामने आ रही है। जहां पिंजरे में कैद पैंथर ‘शिवा’ की संदिग्ध हालात में मौत हो गयी। शिवा को डिस्प्ले एरिया में बुधवार से ही छोड़ा गया था। शिवा आज सुबह पिंजरे में मरा हुआ मिला है। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में वन्यजीव की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। यहां से हाल ही में शेरनी सृष्टि गायब हो गयी थी।
जानकारी के मुताबिक रायसर रेंज में 7 दिन का पैंथर शिवा करीब एक साल पहले अपनी मां से बिछड़ गया था। जमवारामगढ़ में रायसर रेंज से बीमार हालात में शिवा को रेस्क्यू करके नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लाया गया था। इसके बाद अमेरिका से दूध पाउडर मंगवा कर शिवा की जान बचाई गई थी। पैंथर शावक 14 महीने का बताया जा रहा है।
पैंथर शिवा की मौत होने से वन विभाग और वन्यजीव प्रेमियों में दुख की लहर है। पैंथर के शव का पोस्टमार्टम करने के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है। मेडिकल बोर्ड की ओर से पोस्टमार्टम की प्रक्रिया की जा रही है। पोस्टमार्टम होने के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा। शिवा की मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
बता दें कि करीब एक महीने के अंदर एक टाइगर और दो पैंथर्स की मौत हो चुकी है। पिछले महीने वाइट टाइगर चीनू और एक पैंथर की मौत हुई थी और आज फिर पैंथर शिवा की मौत हो गई। वरिष्ठ वन्य पशु चिकित्सक डॉक्टर अरविंद माथुर के नेतृत्व में शिवा का पालन पोषण किया गया था। शिवा इंसानों को देखकर काफी फ्रेंडली व्यवहार करता था। रविवार सुबह शिवा अपने पिंजरे में मृत अवस्था में पाया गया।
वहीं, कुछ दिन पहले नाहरगढ़ जैविक उद्यान में प्रवास कर रही शेरनी गायब हो गई थी। शेरनी सृष्टि को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में गुजरात के जूनागढ़ के शकरबाग चिड़ियाघर से लाया गया था। शेरनी सृष्टि से पहले दो और शेरनियों को शकरबाग चिड़ियाघर से यहां लाया गया था। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में नौ बाघ/बाघिन और शेर/शेरनी हैं। बायोलॉजिकल पार्क को टाइगर सफारी के लिए एक व्यवहार्य विकल्प के रूप में विकसित किया जा रहा है।
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