फरीदकोट: पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने 20 लाख की घूसखोरी के मामले में भगोड़े इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर लिया है। मामला एक महंग की हत्या का है, जिसमें कथित आरोपी को क्लीनचिट मिल गई और उसे फिर से आरोपी बनाने के एवज में यह रिश्वत ली थी। इस मामले में ब्यूरो डीएसपी सुशील कुमार को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, जो अब न्यायिक हिरासत में हैं।
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7 नवंबर 2019 को की गई थी फरीदकोट जिले के गांव कोटसुखिया में डेरा बाबा हरकादास के मुखी संत बाबा दयाल दास की हत्या
दरअसल, फरीदकोट जिले के गांव कोटसुखिया में डेरा बाबा हरकादास के मुखी संत बाबा दयाल दास की 7 नवंबर 2019 को किसी ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उनके शिष्य बाबा गगन दास के बयान के आधार पर पुलिस ने मोगा जिले के गांव कपूरे के रहने वाले जरनैल दास और कई अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इस मामले की जांच की फरीदकोट के डीआईजी सुरजीत सिंह ने मोगा के डीएसपी से जांच करवाई। उन्होंने जरनैल सिंह को क्लीनचिट दे दी, लेकिन बाद में शिकायतकर्ता गगन दास फरीदकोट कोर्ट की शरण में पहुंच गए।
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कोर्ट के आदेश पर IG ने फरीदकोट के SP गगनेश कुमार, DSP सुशील कुमार, मोगा के DSP और अपने दफ्तर के एसआई खेमचंद पराशर को लेकर SIT बना दी। आरोप है कि इन तीनों पुलिस अधिकारियों (मोगा-फरीदकोट के डीएसपी और फरीदकोट के एसपी) ने कत्ल के आरोपी जरनैल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए आईजी का नाम लेकर 50 लाख रुपए की मांग की। 35 लाख में सैटिंग होने के बाद इन अफसरों ने 20 लाख शिकायतकर्ता गगन दास से ले भी लिए। इसके बाद यह बात विजिलेंस ब्यूरो तक पहुंच गई।
विजिलेंस ब्यूरो फिरोजपुर रेंज की टीमों ने डीएसपी सुशील कुमार को पहले ही गिरफ्तार कर रखा है, वहीं 23 अगस्त को बाबा मलकियत दास ने फरीदकोट की एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज की कोर्ट में सरेंडर कर दिया। साथ ही विजिलेंस ने इंस्पेक्टर खेम चंद पाराशर को भी गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश करके आगे की पूछताछ का क्रम जारी है।