चंडीगढ़: मानसा के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने अस्पताल में दाखिल दो HIV पॉजिटिव लावारिस मरीजों को उठाकर एक एंबुलेंस के ड्राइवर के जरिए सुनसान जगह पर छोड़ दिया। सड़क किनारे एक मरीज की मौत हो गई, जबकि दूसरा कब्रिस्तान के पास तड़पता हुआ मिला है। मामला संज्ञान में आते ही पंजाब सरकार ने तुरंत जांच के आदेश दिए। उधर, मामला सामने आने के बाद राजनीति शुरू हो गई है। विपक्ष सरकार के सवाल पूछ रहा है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों के साथ क्या हो रहा है?
एक की मौत-दूसरा तड़पता मिला
पंजाब के मानसा के सिविल अस्पताल के एक 32 वर्षीय मरीज (स्थानीय निवासी) की बुधवार और गुरुवार की मध्यरात्रि को कथित तौर पर सड़क किनारे छोड़ दिए जाने के बाद मौत हो गई। कथित तौर पर उसे एक निजी एम्बुलेंस में अस्पताल से ले जाया गया और ग्रीन वैली कॉलोनी के पास छोड़ दिया गया। वहीं 42 वर्षीय रिंकू दूसरा मरीज भी शहर के कब्रिस्तान के पास लावारिस हालत में तड़पता हुआ गया था। दोनों मरीजों में से एक हेपेटाइटिस और दूसरा एचआईवी से पीड़ित था। दोनों अस्पताल में भर्ती थे।
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एंबुलेंस वाला बोला-400 रुपए दिए थे डॉक्टर ने
आरोप है कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने निजी एंबुलेंस चालक को कुछ पैसे देकर इन मरीजों को अस्पताल से उठाकर बाहर छोड़कर आने के लिए कहा था। बुधवार और गुरुवार की मध्यरात्रि एंबुलेंस चालक इन मरीजों को अस्पताल से ले गया और दूर सड़क किनारे छोड़ आया। इसके बाद मामले की जानकारी समाजसेवी संस्थाओं को लगी तो मामला गरमा गया। दोनों मरीजों को सुनसान जगह पर छोड़ने वाले एम्बुलेंस चालक काका सिंह ने पुलिस को बताया कि अस्पताल के डॉक्टर ने उनसे मरीजों को छोड़ने के लिए कहा। इसके लिए डॉक्टर ने 400 रुपए का भुगतान भी किया।
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मामले की जानकारी मिलते ही पंजाब सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक 3 सदस्य जांच कमेटी बनाई है, जिसे रिपोर्ट बनाने और जांच करने के सख्त आदेश दिए हैं। वहीं जांच के लिए चंडीगढ़ से भी सेहत विभाग की टीम मानसा जाएगी। इस मामले की जांच स्थानीय सेहत विभाग भी कर रहा है, जिसमें तीन डॉक्टरों का पैनल बनाया गया है।
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हालांकि मानसा के सिविल सर्जन डॉ. रणजीत सिंह राय ने कहा कि रिंकू नामक एक युवक को 14 अक्टूबर को कुछ एम्बुलेंस ड्राइवर द्वारा अस्पताल लाया गया था, जबकि दूसरे को 13 नवंबर को लाया गया था। पहले रिंकू ने कुछ नहीं बताया, लेकिन शुक्रवार की सुबह उसने अपने आप को गुजरात के नरवाना संघ से बताया ताे हमने गुजरात पुलिस को सूचित संपर्क किया है, ताकि उसके बारे में ज्यादा जानकारी हासिल कर सके। मामला संज्ञान में आते ही पंजाब सरकार ने एक विशेष कमेटी बनाई है, जो मामले की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपगी, जिसके आधार पर प्रकरण के दोषी स्टाफ पर कार्रवाई होगी।
डॉक्टर ने कहा-सिर्फ ऑर्थाे का मरीज रिंकू
दूसरी ओर राय की मानें तो 42 वर्षीय मरीज रिंकू एचआईवी पॉजिटिव नहीं, सिर्फ ऑर्थो का मरीज है। फिलहाल चीफ मेडिकल अफसर ने इस घटना की जांच एक कमेटी बनाने की बात कही है। उधर, इस मामले के सामने आने के बाद अब राजनीति शुरू हो गई है। विपक्ष सरकार के सवाल पूछ रहा है कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों के साथ क्या हो रहा है?