Punjab’s Pathankot Civil Hospital Reject Pregnant Woman’s Delivery: पंजाब के पठानकोट का सिविल अस्पताल एक बार फिर से सुर्खियों में है। दरअसल, पिछले साल सितंबर 2022 में पठानकोट के सिविल अस्पताल में एक गर्भवती महिला को डिलीवरी के लिए भर्ती करने से मना किया था। जिसके बाद महिला ने अस्पताल के लेबर रूम के बाहर ही बच्चे को जन्म दिया था। उस वक्त सिविल अस्पताल के इस रवैये की काफी निंदा की गई थी। अभी तक उस मामले को एक साल भी नहीं हुआ था कि इसी बीच एक बार फिर से पठानकोट के सिविल अस्पताल ने कुछ ऐसा कारनाम किया है, जिसकी वजह से उसकी थू-थू हो रही हैं।
रिक्शे में महिला ने दिया बच्चें को जन्म
जानकारी के अनुसार, 1 सितंबर की शाम को एक गरीब परिवार की गर्भवती महिला लेबर पेन के साथ पठानकोट के सिविल अस्पताल डिलीवरी के लिए पहुंची। अस्पताल के स्टाफ ने उसे भर्ती करने के बजाया उसे अमृतसर में रेफर कर दिया गया। अस्पताल से निकलने के बाद महिला के परिजनों उसे साइकल रिक्शे में बैठाया। रास्ते में जाते समय ही बीच बाजार में महिला रिक्शे में ही बच्चे को जन्म दे दिया, बताया जा रहा है कि मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
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मामले के चर्चा में आने के बाद सिविल अस्पताल के डॉक्टरों का कहा कि केस काफी खराब था, हम जच्चा-बच्चा में से किसी को एक को ही बचा सकते थे, इसलिए हमने उन्हें अमृतसर रेफर कर दिया।
पीड़िता का बयान
वहीं, दूसरी तरफ पीड़िता ज्योति कुमारी ने बताया कि जब वो डिलीवरी के लिए अपनी सास के साथ सिविल अस्पताल पहुंचीं, तो वहां की स्टाफ ने उसे पहले अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए कहा। जब महिला और सास अल्ट्रासाउंड करवाकर रिपोर्ट के साथ स्टाफ के पास गए। जहां उन्होंने अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखने के बाद कहा कि मामला बहुत खराब, इन्हें अमृतसर लेकर जाओं।
कार्रवाई की मांग
इस मामले को लेकर सिविल सर्जन अदिति सलारिया ने जांच के कहा है, और साथ ही एसएमओ को इस मामले की सही रिपोर्ट तैयार करने के लिए निर्देश दिया है। उन्होने ये भी कहा कि अगर अस्पताल के किसी स्टाफ या फिर डॉक्टर की तरफ से अगर लापरवाही सामने आई तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।