---विज्ञापन---

पंजाब

हरियाणा की मांग पर पंजाब का विरोध; जानें पानी के बटवारे पर क्या कहते हैं आंकड़े?

पंजाब और हरियाणा के बीच एक बार फिर पानी के बंटवारे को लेकर जंग छिड़ गई है। एक तरफ से जहां हरियाणा सरकार पानी मांग रही है, वहीं पंजाब सरकार इसका विरोध कर रही है। इसी बीच पानी के बंटवारे को लेकर कुछ आंकड़े सामने आए हैं। देखें वे क्या कहते हैं?

Author Edited By : Pooja Mishra Updated: Apr 30, 2025 11:34

पंजाब और हरियाणा के बीच फिर से पानी की मांग और बंटवारे को लेकर जंग छिड़ गई है। हरियाणा सरकार ने दावा किया है कि उनके राज्य के कई हिस्सों में पीने के पानी की किल्लत हो रही है। इसके साथ ही उन्होंने पंजाब से 8500 क्यूसेक पानी की मांग की है। इसके लिए हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने तत्काल पानी की आपूर्ति का अनुरोध किया है। इसी बीच इस पानी के बंटवारे को लेकर जो आंकड़े सामने आए हैं, वे कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं।

---विज्ञापन---

क्या कहते हैं BBMB के आंकड़े?

इन आंकड़ों के अनुसार, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में हरियाणा को 2.987 MAF पानी आवंटित किया था। वहीं, हरियाणा ने 25 अप्रैल 2025 तक 3.091 MAF पानी का उपयोग पहले ही कर लिया है, जो उनके हिस्से से 0.104 MAF अधिक (103%) है। इसके बावजूद पंजाब सरकार ने 6 अप्रैल से 4000 क्यूसेक पानी की आपूर्ति शुरू की है। वहीं अब हरियाणा की तरफ से 8500 क्यूसेक पानी की मांग करना कई सवाल खड़े कर रहा है।

पानी की मांग पर उठे सवाल

  • अगर पहले 4000 क्यूसेक पर्याप्त था, तो अचानक 8500 क्यूसेक की जरूरत कैसे पैदा हो गई?
  • BML नहर की कुल क्षमता 10,000 क्यूसेक है, जिसमें से हरियाणा का हिस्सा केवल 70 प्रतिशत है। इस लिहाज से 8500 क्यूसेक की आपूर्ति तकनीकी रूप से भी असंभव है।
  • पंजाब के पास अब भी 11 प्रतिशत कम पानी है, जो कृषि के लिए बहुत जरूरी है।

बांधों की वास्तविक स्थिति

  • 26 अप्रैल 2025 तक भाखड़ा, पौंग और रंजीत सागर बांधों का जल स्तर सामान्य से नीचे है।
  • पंजाब को कपास और धान जैसी जल-आधारित फसलों के लिए आने वाले महीनों में जल की बहुत ज्यादा आवश्यकता होगी।
  • अगर पंजाब ने हरियाणा को अतिरिक्त पानी दे दिया, तो आने वाले खरीफ सीजन में जल संकट पैदा हो सकता है।

क्या हैं राजनीतिक दृष्टिकोण

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वह BBMB के जरिए हरियाणा को अनुचित लाभ दिलाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने इसे ‘पानी की डकैती’ बताया और कहा कि पंजाब के जल अधिकारों पर हमला किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

राज्यवार का आंकड़ा

  • राजस्थान को 110% पानी मिला है (3.398 MAF की जगह 3.738 MAF)।
  • हरियाणा को 103% पानी मिला है।
  • पंजाब को केवल 89% पानी मिला है, जबकि उसकी मांग और जरूरत सबसे अधिक है।

यह भी पढ़ें: बिहार के 20 जिलों में बारिश और बिजली गिरने का अलर्ट; पढ़ें IMD की ताजा अपडेट

‘लड़ाई नहीं, अधिकार की रक्षा’

इस बीच पंजाब सरकार ने हरियाणा की पानी की मांग पर अपना रुख साफ कर दिया है। पंजाब सरकार ने कहा कि हरियाणा ने अपने कोटे से 3 प्रतिशत ज़्यादा पानी इस्तेमाल किया है। पंजाब की जीवनरेखा पानी है, इसलिए किसी भी कीमत पर हरियाणा को ज़्यादा नहीं देंगे। पंजाब का कहना है कि उनकी तरफ से वैज्ञानिक और न्यायसंगत जल बंटवारा किया गया है। इसके साथ ही उन्होंने हरियाणा की मांग पर सवाल उठाए हैं कि क्या हरियाणा की मांग राजनीति से प्रेरित है? इसके साथ ही पंजाब सरकार ने कहा कि ‘ये पानी की लड़ाई नहीं, अधिकार की रक्षा है।’

HISTORY

Edited By

Pooja Mishra

First published on: Apr 30, 2025 11:33 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें