चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में मंत्रीमंडल ने राज्य में पुरानी पैंशन स्कीम लागू करने के लिए नोटिफिकेशन जारी करने की मंजूरी दे दी है, जिससे 1.75 लाख से अधिक सरकारी मुलाजिमों को सीधा लाभ होगा। यह फ़ैसला शुक्रवार को पंजाब सिविल सचिवालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता अधीन हुई मंत्रीमंडल की मीटिंग के दौरान लिया गया।
लंबे समय की मांग हुई पूरी
यह प्रगटावा करते हुए मुख्यमंत्री दफ़्तर के एक प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने नई पैंशन स्कीम (एन. पी. एस.) के अधीन सेवा निभा रहे मुलाजिमों के लिए पुरानी पैंशन स्कीम को मंज़ूर किया गया, जिससे राज्य के कर्मचारियों की काफी देर की मांग पूरी हो गई। इससे एन. पी. एस. के अधीन 1.75 लाख से अधिक मुलाजिमों को फ़ायदा होगा। यहां यह भी बताने योग्य है कि राज्य के 1.26 लाख मुलाजि़म पहले ही मौजूदा पुरानी पैंशन स्कीम के दायरे अधीन आते हैं।
लाभार्थियों को भविष्य में पेंशन में दिया जाएगा लाभ
प्रवक्ता ने बताया कि अगले पांच सालों में ही 4100 मुलाजिमों को इस स्कीम का लाभ मिलने की संभावना है। यह स्कीम सरकारी मुलाजिमों का भविष्य सुरक्षित बनाने के साथ-साथ राज्य के प्रति मुलाजिमों के मिसाली योगदान के उद्देश्य से लागू की गई है। प्रवक्ता ने आगे बताया कि यह यकीनी बनाने के लिए कि अमल में लाई जा रही स्कीम भविष्य में खजाने के लिए वित्तीय तौर पर टिकाऊ रहे, राज्य सरकार की तरफ से पैंशन कॉप्र्स की सृजना करने के लिए सक्रियता से योगदान डाला जायेगा जिससे स्कीम के लाभार्थियों को भविष्य में पैंशन की सेवा का लाभ दिया जायेगा।
मूलभूत तौर पर सालाना एक हज़ार करोड़ रुपए का योगदान पैंशन कॉप्र्स में दिया जायेगा, जिसको भविष्य में धीरे-धीरे बढ़ाया जायेगा। मौजूदा समय एन. पी. एस. में कुल 16,746 करोड़ रुपए जमा हैं जिसके लिए राज्य सरकार पैंशन फंड रेगुलेटरी एंड डिवैल्पमैंट अथॉरिटी (एफ. आर. डी. ए.) को यह पैसा वापिस करने की अपील करेगी जिससे इस पैसे का उचित प्रयोग यकीनी बने।
मंत्रीमंडल ने फिर दोहराया कि राज्य का खज़़ाना अपने मौजूदा स्रोतों के द्वारा इस स्कीम का वित्तीय भार उठाने के पूरी तरह योग्य होगा और किसी भी हालात में मुलाजिमों का भविष्य सुरक्षित रखा जायेगा।