Saturday, 27 April, 2024

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Punjab News: औद्योगिक प्लॉट तबादले मामले में पूर्व मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा समेत 10 के खिलाफ केस दर्ज

चंडीगढ़: पंजाब विजीलेंस ब्यूरो ने गुरूवार को पूर्व मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा और आईएएस अधिकारी नीलिमा समेत पंजाब राज्य औद्योगिक विकास निगम (पीऐसआईडीसी) के 10 सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। यह केस औद्योगिक प्लॉट को एक रियलटर कंपनी को तबदील करने और प्लॉट काट कर टाउनशिप स्थापित करने की मंजूरी […]

Edited By : Amit Kasana | Updated: Jan 6, 2023 15:20
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प्रतीकात्मक तस्वीर

चंडीगढ़: पंजाब विजीलेंस ब्यूरो ने गुरूवार को पूर्व मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा और आईएएस अधिकारी नीलिमा समेत पंजाब राज्य औद्योगिक विकास निगम (पीऐसआईडीसी) के 10 सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। यह केस औद्योगिक प्लॉट को एक रियलटर कंपनी को तबदील करने और प्लॉट काट कर टाउनशिप स्थापित करने की मंजूरी देने के आरोपों के तहत किया गया है।

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जानकारी के मुताबिक इस केस में रियलटर फर्म, गुलमोहर टाउनशिप प्राईवेट लिमटिड के तीन मालिकों और भाईवालों को भी नामजद किया गया है। इस केस में विजीलेंस ने पीऐसआईडीसी के 7 अधिकारियों को गिरफ्तार किया है जिनमें अंकुर चौधरी अस्टेट अफ़सर, दविन्दरपाल सिंह जी. एम परसोनल, जे. एस. भाटिया चीफ़ जनरल मैनेजर (योजनाबंदी), आशिमा अग्रवाल एटीपी (योजनाबंदी), परमिन्दर सिंह कार्यकारी इंजीनियर, रजत कुमार डी. ए और सन्दीप सिंह एसडीई शामिल हैं।

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राज्य विजीलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में उद्योगों को प्रफुल्लित करने के उद्देश्य से पंजाब सरकार ने साल 1987 में ’आनंद लैंपस लिमटिड’ कंपनी को सेल डीड के द्वारा 25 एकड़ ज़मीन अलॉट की थी जो बाद में ’सिगनीफायी इनोवेशन’ नामक फर्म को तबदील कर दी गई थी। यह प्लॉट फिर पीऐसआईडीसी से एतराजहीनता सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद सिगनीफायी इनोवेसनज ने सेल डीड के द्वारा गुलमोहर टाउनशिप को बेच दी थी। तत्कालीन उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा ने तारीख़ 17 मार्च 2021 को उक्त प्लॉट की आगे विभाजन के लिए गुलमोहर टाउनशिप से प्राप्त पत्र उस समय की एमडी पीऐसआईडीसी को भेज दिया।

प्रवक्ता ने आगे बताया कि साल 1987 की डीड अनुसार यह प्लॉट सिर्फ़ औद्योगि

क उद्देश्यों के लिए ही इस्तेमाल किया जाना था जबकि उक्त गुलमोहर टाउनशिप की ऐसी कोई पृष्टभूमि नहीं है। विजीलेंस ब्यूरो के थाना मोहाली में भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 13 (1) (ए), 13 (2) और भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 420, 465, 467, 468, 471, 120-बी के अंतर्गत केस दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान दूसरे व्यक्तियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।

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First published on: Jan 05, 2023 09:15 PM

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