पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा अपने 50 बम वाले बयान पर फंसते जा रहे हैं। इस मामले में उनके खिलाफ एफआईआई दर्ज हुई और वे मंगलवार को पुलिस के सामने पेश हुए। पुलिस स्टेशन में उनके साथ 5:30 घंटे पूछताछ हुई। सूत्रों के अनुसार, बाजवा ने पूछताछ में कोई सहयोग नहीं किया। ऐसे में पुलिस अब उन पर शिकंजा कस सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रताप सिंह बाजवा ने पुलिस की जांच में कोई मदद नहीं की। बार-बार सूत्र के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने पुलिस को कुछ नहीं बताया। बाजवा ने पुलिस या सेना में किसी सोर्स से इनकार किया। राज्य में दहशत फैलाने के मामले में पुलिस प्रताप सिंह बाजवा के खिलाफ शिकंज कस सकती है।
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बाजवा ने बम की सूचना देने से किया मना
सूत्रों के हवाले से आई खबर के अनुसार, पुलिस ने पंजाबियों की सुरक्षा का हवाला देकर प्रताप सिंह बाजवा से जानकारी मांगी, लेकिन उन्होंने कुछ भी बोलने या सूचना देने से इनकार कर दिया। उन्होंने बम की जानकारी देने से साफ मना कर दिया। दहशत फैलाने के मामले में प्रताप सिंह बाजवा के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो सकता है।
कांग्रेसियों ने थाने के बाहर दिया धरना, लगाए नारे
पंजाब कांग्रेस के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा और पार्टी के पदाधिकारी बाजवा के साथ मोहाली साइबर अपराध पुलिस स्टेशन गए थे, लेकिन सिर्फ बाजवा और उनके वकील को ही अंदर जाने की अनुमति मिली। इसे लेकर कांग्रेस के नेताओं ने थाने के बाहर धरना दिया और आप सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
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