Punjab Minister Harpal Singh Cheema on Dalit Students Scholarship: पंजाब की भगवंत मान सरकार द्वारा एक बार फिर से राज्य के दलित छात्रों को दी जाने वाली पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप को लेकर की पिछली सरकार समेत कांग्रेस, भाजपा और अकाली दल पर जमकर निशाना साधा है। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब के दलित छात्रों के पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप को पिछली सरकारों ने जानबूझकर रोक दिया था, ताकि वे लोग पढ़ाई न कर सकें। उन्होंने बताया कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद तुरंत ही पिछली सरकार द्वारा 2017 से 2022 तक रोके गए बकाया स्कॉलरशिप के 366 करोड़ रुपये 2023-24 में जारी किए गए थे। इससे साफ है कि मान सरकार में पंजाब के दलित छात्रों का भविष्य सुरक्षित है।
#WATCH | Chandigarh: Punjab Minister and AAP leader Harpal Singh Cheema says, “A lot of our funds are pending in the centre. Now, he (Ravneet Singh Bittu) should intervene and get our funds released… However, his party has been rejected by the people of Punjab. But, it is his… pic.twitter.com/n1uzu1pzmq
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) June 9, 2024
भाजपा और कांग्रेस सरकार पर भड़के मंत्री चीमा
मान कैबिनेट के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने प्रदेश की पिछली सरकार, कांग्रेस और केंद्र की भाजपा सरकार पर पंजाब के दलित छात्रों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पंजाब के दलित छात्रों के साथ राज्य की पिछली सरकारों और केंद्र की भाजपा सरकार ने धोखा किया है। इसके साथ ही उन्होंने अकाली दल पर सवाल उठाते हुए कहा कि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल साल 2014 से 2020 तक केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री थीं। इसके बाद भी पंजाब की परेशानियों को केंद्र सरकार के सामने नहीं रखा गया। इससे साफ है कि यह तीनों ही पार्टियां को सिर्फ वोट के लिए दलितों का ख्याल आता है।
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‘मान सरकार में सुरक्षित है दलित छात्रों का भविष्य’
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इन बच्चों की स्कॉलरशिप बंद करने का नतीजा यह हुआ कि पंजाब के दलित छात्रों के एडमिशन की संख्या में काफी कमी आ गई। उन्होंने बताया कि साल 2020-21 में यह आंकड़ा 2.5 लाख से घटकर 1.76 लाख तक पहुंच गया था। इसके बाद पंजाब में AAP की मान सरकार आई। मान सरकार ने सबसे पहले छात्रों को छात्रवृत्ति के पैसे दिए, जिसके बाद फिर से स्कूलों में दलित छात्रों के एडमिशन में वृद्धि हुई। साल 2022-23 में दलित छात्रों के एडमिशन की संख्या बढ़कर 2.26 लाख हो गई। फिलहाल यह संख्या बढ़कर करीब 2.40 लाख हो गई है। मान सरकार में पंजाब के दलित छात्रों का भविष्य सुरक्षित है।