---विज्ञापन---

पंजाब

‘दूसरे राज्यों को देने के लिए पानी की एक बूंद नहीं है’, रावी-ब्यास जल ट्रिब्यूनल में बोले पंजाब CM मान

Punjab CM Bhagwant Mann: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने रावी-ब्यास जल ट्रिब्यूनल में राज्य का पक्ष रखते हुए कहा कि पंजाब के पास बाकी राज्यों को देने के लिए पानी की एक भी बूंद एक्स्ट्रा नहीं है।

Author Edited By : Pooja Mishra Updated: Feb 20, 2025 11:41
Punjab CM Bhagwant Mann (26)

Punjab CM Bhagwant Mann: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बुधवार को रावी-ब्यास जल ट्रिब्यूनल के सामने राज्य का आधिकारिक पक्ष रखा। इसके साथ ही उन्होंने इस पक्ष की वकालत करते हुए साफ कहा कि पंजाब के पास बाकी राज्यों को देने के लिए पानी की एक भी बूंद एक्स्ट्रा नहीं है।

चेयरमैन जस्टिस विनीत सरन के नेतृत्व वाली ट्रिब्यूनल, सदस्य जस्टिस पी. नवीन राव, जस्टिस सुमन श्याम तथा रजिस्ट्रार रीटा चोपड़ा , के साथ मीटिंग के दौरान सीएम भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब के पास किसी भी दूसरे राज्य के साथ शेयर करने के लिए बिल्कुल भी एक्स्ट्रा पानी नहीं है। इस वजह से पंजाब का पानी किसी और राज्य के साथ शेयर करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। इस दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय नियमों का हवाला देते हुए पानी की उपलब्धता का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए कहा है। सीएम मान ने रावी जल प्रणाली के अध्यन के लिए राज्य के दौरे पर आए ट्रिब्यूनल से अपील की कि वह पंजाब के लोगों को न्याय दिलाए।

---विज्ञापन---

पंजाब में पानी की भारी कमी

सीएम मान ने कहा कि पंजाब के 76.5 प्रतिशत ब्लॉक (153 में से 117) की स्थिति अत्यंत गंभीर है, क्योंकि यहां भूजल निकासी की दर 100 प्रतिशत से भी अधिक है, जबकि हरियाणा में यह केवल 61.5 प्रतिशत ब्लॉक (143 में से 88) में ही अत्यधिक दोहन की स्थिति में है। उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकांश नदी स्रोत सूख चुके हैं, इसलिए पंजाब को अपनी सिंचाई आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अधिक पानी की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थिति इतनी गंभीर है कि पंजाब में पानी की भारी कमी होने के बावजूद यह अन्य राज्यों के लिए अन्न का उत्पादन कर रहा है ताकि देश को खाद्यान्न संकट का सामना न करना पड़े।

पानी शेयर करने का सवाल गही नहीं उठता

सीएम मान ने कहा कि ऐसी स्थिति में किसी अन्य राज्य के साथ पानी की एक बूंद भी शेयर करने का कोई सवाल नहीं उठता। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हर मंच पर पानी की कमी के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया है और यह भी कहा कि आने वाली पीढ़ियों के हक की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई कि पंजाब और इसके लोगों के हितों की हर संभव रक्षा की जाए और इस के लिए कोई कसर शेष न छोड़ी जाएगी।

---विज्ञापन---

यमुना के पानी की हिस्सेदारी

सीएम भगवंत मान ने ट्रिब्यूनल को बताया कि जिस तरह रावी और ब्यास नदियां पंजाब के पुराने क्षेत्र से होकर गुजरती थीं, उसी तरह यमुना नदी भी पुनर्गठन से पहले पंजाब के क्षेत्र में से निकलती थी। लेकिन जल बंटवारे के समय पंजाब और हरियाणा के बीच यमुना के जल पर विचार नहीं किया गया, जबकि रावी और ब्यास के जल को ध्यान में रखा गया। उन्होंने कहा कि पंजाब ने कई बार यमुना के जल बंटवारे में हिस्सेदारी की मांग की है, लेकिन यह तर्क देकर इस पर विचार नहीं किया गया कि पंजाब का कोई भौगोलिक क्षेत्र यमुना बेसिन में नहीं आता।

हरियाणा के साथ पानी शेयर करना मजबूरी

मुख्यमंत्री मान ने कहा कि हरियाणा रावी और ब्यास नदियों का बेसिन राज्य नहीं है, फिर भी पंजाब को इन नदियों का पानी हरियाणा के साथ साझा करने के लिए मजबूर किया जाता है। उन्होंने कहा कि यदि हरियाणा को पंजाब के उत्तराधिकारी राज्य के रूप में रावी-ब्यास का पानी मिलता है, तो समानता के आधार पर यमुना का पानी भी पंजाब के उत्तराधिकारी राज्य के रूप में साझा किया जाना चाहिए।

सिंचाई के लिए पानी

सीएम भगवंत मान ने आगे कहा कि राज्य सरकार नहरी पानी को सिंचाई के लिए इस्तेमाल करने के प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने पदभार संभाला था, तब पंजाब में केवल 21 प्रतिशत नहरी पानी ही सिंचाई के लिए उपयोग हो रहा था, लेकिन अब यह बढ़कर 84 प्रतिशत हो गया है।

कितना है राज्य का भूजल स्तर

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कड़े प्रयासों के कारण भूजल स्तर बढ़ने लगा है और केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार इसमें एक मीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को गेहूं-धान के चक्र से बाहर निकालकर फसल विविधीकरण अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार से अनुरोध किया है कि फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए वैकल्पिक फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रदान किया जाए।

सीएम मान ने जताया अफसोस

पंजाब सीएम ने कहा कि पंजाब राष्ट्रीय खाद्य पूल में 180 लाख मीट्रिक टन चावल का योगदान देता है, जिससे देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होती है। उन्होंने अफसोस जताया कि पंजाब से अनाज लेने के बाद, किसानों को पराली जलाने और प्रदूषण फैलाने का दोषी ठहरा दिया जाता है। उन्होंने इसे अनुचित करार देते हुए कहा कि पंजाब के मेहनती किसानों ने देश को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

देश का अन्नदाता है किसान

सीएम मान ने कहा कि पंजाब न केवल देश का अन्नदाता है, बल्कि इसे राष्ट्र की ढाल होने का भी गौरव प्राप्त है। यहां के लोग पूरी दुनिया में अपनी हिम्मत, साहस और उद्यमशील स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस पवित्र भूमि को महान गुरुओं, संतों और शहीदों का आशीर्वाद प्राप्त है, जिन्होंने हमें अन्याय और अत्याचार के खिलाफ खड़ा होने की शिक्षा दी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब अपनी समृद्ध संस्कृति, विरासत और अतिथि सत्कार के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है।

HISTORY

Edited By

Pooja Mishra

First published on: Feb 20, 2025 11:41 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें