---विज्ञापन---

पंजाब

Punjab बना डिजिटल माइनिंग मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने वाला पहला राज्य, मिलेगा बड़ा आर्थिक लाभ

Punjab News: पंजाब सरकार ने खनन एवं भू-विज्ञान मंत्री बरिंदर कुमार गोयल की मौजूदगी में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रोपड़ के साथ खनन और भू-विज्ञान के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।

Author Edited By : Deepti Sharma Updated: Mar 4, 2025 19:35
Punjab News
Punjab News

Punjab News: पंजाब के मुख्यमंत्री सरदार भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने खनन एवं भू-विज्ञान मंत्री बरिंदर कुमार गोयल की मौजूदगी में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रोपड़ के साथ खनन और भू-विज्ञान के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।

यह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस पंजाब में खनन गतिविधियों के वैज्ञानिक मूल्यांकन और निगरानी को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। SONAR और LiDAR जैसी अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करके, यह केंद्र छोटे खनिजों की सही मात्रा निर्धारित करने और खनन से पहले एवं बाद में सर्वेक्षण करने में सहायता करेगा। इसके अलावा, यह विभाग को मानसून से पहले और बाद के सर्वेक्षण करने में मदद करेगा, जिससे नदियों के तल और खनन स्थलों का व्यापक मूल्यांकन सुनिश्चित किया जा सकेगा।

---विज्ञापन---

डिजिटल माइनिंग मैनेजमेंट सिस्टम लागू

कैबिनेट मंत्री बरिंदर गोयल ने बताया कि पंजाब डिजिटल माइनिंग मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बन गया है। रोपड़ में स्थापित होने वाले इस केंद्र से खनिज संसाधनों के वैज्ञानिक और पारदर्शी मूल्यांकन को सुनिश्चित कर सरकारी राजस्व बढ़ाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि ये तकनीकी विधियां अवैध खनन गतिविधियों को रोकने और राजस्व हानि को रोकने में मदद करेंगी तथा पंजाब के खनन क्षेत्र को अधिक संरचित और टिकाऊ बनाने में योगदान देंगी। निगरानी के अलावा, यह केंद्र जिला सर्वेक्षण रिपोर्टों और खदान योजनाओं को तैयार करने में भी अपनी विशेषज्ञता का विस्तार करेगा, जिससे विभाग को खनन कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने में सहायता मिलेगी।

कैसे होगा काम?

कैबिनेट मंत्री बरिंदर गोयल ने कहा कि यह दिन खनन अधिकारियों, पंजाब सरकार और पंजाब के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। अवैध खनन को रोकने के लिए सैटेलाइट सर्वेक्षण, ड्रोन सर्वेक्षण और ग्राउंड सर्वे किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि यह सिस्टम ऑनलाइन काम करेगा, हर दिन डेटा अपडेट किया जाएगा और संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाएगी। इस समझौते के जरिए जो डेटा प्राप्त होगा, उससे यह पता चल सकेगा कि खनन स्थलों से कितना रेत कानूनी और अवैध तरीके से निकाला गया है। इस सिस्टम से बांधों में जमा रेत का भी पता लगाया जा सकेगा कि बारिश से पहले कितनी फुट रेत थी और बाद में कितनी फुट जमा हुई है।

---विज्ञापन---

गांवों को बाढ़ से बचाया जाएगा

इस सिस्टम से यह भी जानकारी मिलेगी कि किन खदानों में काम चल रहा है और किन खदानों में अवैध खनन किया जा रहा है। यह केंद्र द्वारा दिया गया डेटा मानसून से पहले नदियों में रेत के उचित प्रबंधन में सहायता करेगा और इस विधि के जरिए 20-20 मीटर की दूरी पर पानी के नीचे की रेत और बजरी का पता लगाया जा सकेगा, जिससे गांवों को बाढ़ से बचाया जा सकेगा। जो बांध और नदियां पहले बाढ़ का कारण और लोगों के लिए मुसीबत बनते थे, वे अब पंजाब के लोगों के लिए वरदान और संसाधन बनेंगे। गांवों में कोई जान-माल का नुकसान नहीं होगा, यह विधि किसानों की जमीनों को बाढ़ से बचाने के लिए लाभदायक होगी, जिससे पंजाब के किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। इसके साथ ही, ठेकेदारों द्वारा सरकार के साथ की जाने वाली लूट-खसोट और हेराफेरी पूरी तरह खत्म हो जाएगी।

कैबिनेट मंत्री गोयल ने दिए अधिकारियों को निर्देश

कैबिनेट मंत्री गोयल ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए हैं कि यह योजना केवल कागजों तक सीमित न रहे। सभी अधिकारी फील्ड में जाकर काम करें और समय-समय पर बैठकें कर पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ पंजाब के खनन क्षेत्र का मैनेज करें। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों द्वारा लोगों को मुश्किलों में डालने के विपरीत, यह एक महत्वपूर्ण समझौता है, जिससे आम लोगों को सही और उचित मूल्य पर रेत उपलब्ध कराने के लिए पंजाब सरकार प्रतिबद्ध है।

कैबिनेट मंत्री ने बताया कि डिजिटल मॉडल साइटों के मूल्यांकन में दक्षता और पारदर्शिता लाएगा तथा वास्तविक समय की निगरानी और पर्यावरण सुरक्षा संबंधी नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करेगा। इस अवसर पर भू-विज्ञान सचिव गुरकिरत किरपाल सिंह, ड्रेनेज कम माइनिंग के मुख्य अभियंता डॉ. हरिंदर पाल सिंह बेदी, सभी जिला खनन अधिकारी, आई आई टी रोपड़ के डीन श्री सारंग गुंफेकर और प्रोफेसर डॉ. रीत कमल तिवारी उपस्थित थे।

ये भी पढ़ें- Holi Special Train: होली पर चंडीगढ़-अंबाला से गोरखपुर के लिए 3 स्पेशल ट्रेनें, कब से चलेंगी; पढ़ें डिटेल्स

HISTORY

Edited By

Deepti Sharma

First published on: Mar 04, 2025 07:35 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें