चंडीगढ़: पंजाब शिक्षा विभाग ने वित्त वर्ष 2022-23 में 23,700 छात्रों के बैंक खातों में प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति की राशि दो से तीन बार ट्रांसफर कर दी। यह अब टीचर्स के गले की फांस बन गई है, क्योंकि विभाग ने शिक्षकों को सभी छात्रों के पासबुक की जांच करने और अतिरिक्त पैसे वापस सरकारी खाते में जमा करने का आदेश जो दे दिया है। बड़ी फजीहत वाली बात तो यह भी है कि लाभार्थी ज्यादातर 10वीं कक्षा के छात्र थे और उनमें से अधिकांश ने बोर्ड परीक्षा पास करने के बाद स्कूल बदल लिया और कुछ राज्य से बाहर भी चले गए।
-
राज्य को अपने हिस्से से 3.41 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि का भुगतान करना पड़ा
सहायक निदेशक (छात्रवृत्ति) द्वारा जारी एक पत्र के अनुसार, भारत सरकार के सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (PFMS) पोर्टल में एक तकनीकी खराबी थी, जिसके कारण 23,001 छात्रों के खातों में गलती से दो बार पैसा ट्रांसफर कर दिया गया था। वहीं, करीब 694 छात्रों के खाते में गलती से तीन गुणा राशि जमा हो गई। स्कूल प्रधानों को पासबुक में 1400 रुपए की डबल और ट्रिपल एंट्री की जांच करने को कहा गया है।
दरअसल, हर लाभार्थी को 3,500 रुपए दिए जाने थे, जिसमें राज्य सरकार के हिस्से के रूप में 1,400 रुपए और केंद्र के हिस्से के रूप में 2,100 रुपए शामिल थे। राज्य को अपने हिस्से से 3.41 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि का भुगतान करना पड़ा।
यह भी पढ़ें: बेटे या बेटी को पढ़ने के लिए विदेश भेजा तो मां-बाप रहें सावधान, इनकी तरह आप भी फंस सकते हैं कानूनी पचड़े में
इस आदेश में आगे कहा गया है कि जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी स्कूलों के प्रिंसिपल छात्रों से अतिरिक्त राशि एकत्र करें और 20 अक्टूबर तक इसे वापस जमा करें। शिक्षक हर लाभार्थी के बैंक पासबुक की भी जांच करें और यदि हां तो वसूली सुनिश्चित करें। छात्रवृत्ति राशि की दोहरी या तिगुनी प्रविष्टि को दर्शाता है।
उधर, इस बारे में शिक्षा सचिव कमल किशोर यादव ने कहा कि पैसा वित्तीय वर्ष (2022-23) के अंत में आया और मार्च-अप्रैल में PFMS पोर्टल में तकनीकी खराबी के कारण त्रुटि हुई है। जब गलती का अहसास हुआ तो तुरंत उन छात्रों की सूची तैयार की गई, जिन्हें दोगुनी या तिगुनी रकम दी जाती थी। भविष्य में ऐसा कभी न हो यह सुनिश्चित करने के लिए हमने अब पोर्टल पर दोबारा काम किया है।