पठानकोटः पंजाब के पठानकोट में गुरुवार को विजिलेंस विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई की है। मामला जिले के गांव गोल की 92 एकड़ जमीन के घोटाले का है। इस मामले में विजिलेंस ने पूर्व अतिरिक्त उपायुक्त (ADC) और 7 महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। इनमें से दो महिलाओं को फिलहाल गिरफ्तार भी कर लिया गया है, वहीं बड़ी यह है कि इसमें कैबिनेट मंत्री भी विपक्षियों के निशाने पर आ गए हैं। आइए जानें, क्या है पूरा मामला…
दरअसल, गोल गांव की जमीन पहले से ही खनन माफिया की पसंदीदा रही है। गोल और भट्टियां की जमीन पर अवैध खनन सालों पहले से किया जा रहा है। एडीसी कुलदीप सिंह के फैसले के बाद क्रैशर संचालकों में इस जमीन को खरीदने की होड़ लग गई थी। कांग्रेस सरकार में भी कुछ राजनैतिक लोग यह जमीन खरीदना चाहते थे। गोल पंचायत के सरपंच सुनील कुमार ने 2 अप्रैल 2021 को एसएचओ तारागढ़ और डीडीपीओ पठानकोट को शिकायत दी कि भट्टियां की जमीन पर अवैध खनन हो रहा है। डीडीपीओ पठानकोट के एसएसपी को लिखे पत्र पर 7 अप्रैल 2021 को अज्ञात लोगों के खिलाफ अवैध खनन का पर्चा दर्ज किया गया, लेकिन इसके 2 दिन बाद 9 अप्रैल को ही शिकायतकर्ता सरपंच सुनील कुमार के खिलाफ ही अवैध खनन का पर्चा दर्ज करा दिया गया।
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अभी तक की उपलब्ध जानकारी के मुताबिक 2 मार्च को नरोट जैमल सिंह ब्लॉक के गांव गोल के सरपंच ने गांव में 734 कनाल 1 मरला (91.75 एकड़) शामलात जमीन का फैसला 6 प्राइवेट कंपनियों के नाम करने के मामले में तत्कालीन ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को शिकायत की थी। बाद में मई में धालीवाल का विभाग बदल जाने की वजह से एक बार तो मामला लटक गया, लेकिन शिकायतों के बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के निदेशक ने आदेश पर स्टे लगाते हुए पूरे मामले में रिटायर्ड एडीसी कुलदीप सिंह की भूमिका की जांच कराई तो सारा मामला खुल गया।
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अब विजिलेंस ने पूर्व एडीसी कुलदीप सिंह और 7 महिलाओं के खिलाफ केस दर्ज करते हुए 2 औरतों को गिरफ्तार कर लिया है। बाकी फरार आरोपियों की तलाश जारी है, वहीं पंजाब के कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारूचक्क भी विवाद में घिरते नजर आ रहे हैं। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने जहां उनकी गिरफ्तारी की मांग की है, वहीं बुधवार को कांग्रेस के सीनियर नेता और नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने कटारूचक्क के इस्तीफे और पूरे मामले की केंद्रीय एजेंसी से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी।
मंत्री पर आरोप-दागी DDPO को बनवा दिया ADC
बाजवा ने एक न्यूज रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि यह कटारूचक्क ही थे, जिन्होंने कथित तौर पर इस घोटाले में शामिल दागी डीडीपीओ कुलदीप सिंह को अतिरिक्त उपायुक्त पठानकोट के पद पर तैनात करने में मदद की। इसके लिए कटारूचक्क ने तत्कालीन ग्रामीण विकास और पंचायत मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को एक अर्ध-सरकारी (डीओ) पत्र लिखा। कुलदीप सिंह ने भी रिटायरमेंट से मात्र एक दिन पहले 734 कनाल 1 मरला शामलात जमीन (91.75 एकड़) निजी व्यक्तियों के हक में लिख दी।