Sexually Assaulting A Minor Girl Gets Five Years Rigorous Imprisonment: पजांब में भारतीय सेना जनरल कोर्ट मार्शल ने यौन उत्पीडन के आरोप में दोषी पाए जाने पर एक मेजर को पांच साल की कड़ी सजा के साथ-साथ उसे नौकरी से भी बर्खास्त कर दिया गया। दोषी को कोई भी सैन्य लाभ नहीं दिया जाएगा।
मामला पंजाब के फिरोजपुर का है। जहां एक मेजर को घरेलू सहायिका की नाबालिग बेटी के यौन उत्पीड़न के लिए दोषी ठहराते हुए पांच साल के कठोर कारावास के साथ सेना से बर्खास्त करने की सजा सुनाई गई है। पीड़िता के परिवार ने उसे सेवा से बर्खास्त करने की भी कोर्ट से सिफारिश की थी। जानकारी के मुताबिक आरोपी मेजर घटना के समय दिल्ली छावनी में तैनात था। मेजर पर आर्मी एक्ट की धारा 69 के साथ-साथ पॉक्सो एक्ट 2012 के तहत मामला चलाया गया था।
जनवरी 2022 में मेजर के खिलाफ दिल्ली कैंट में सेना अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज की गई थी। शिकायत के आधार पर सेना के अधिकारियों ने एक कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया था।
पुलिस ने बताया कि पीड़ित बच्ची मेजर की घरेलू सहायिका की बेटी है, वह मेजर अधिकारी के आधिकारिक आवास के सर्वेंट क्वार्टर में रहती थी। कोर्ट मार्शल को इस साल की शुरुआत में 7 इन्फैंट्री डि विज़न कमांडर मेजर जनरल वाई श्योराण द्वारा बुलाया गया था। अधिकारी को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) की धारा 10 और 12 के तहत सजा सुनाई गई है।
मेजर के वकील ने अपने पक्ष में कहा
मेजर के वकील अधिवक्ता आनंद कुमार ने आरोप लगाया कि कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही और सबूतों के सारांश के साथ छेड़छाड़ की गई थी। मेजर के वकील ने दावा किया कि उन्होंने साक्ष्य का सारांश दर्ज करने वाले अधिकारी को तलब करने का अनुरोध किया था, लेकिन अदालत ने इसे खारिज कर दिया।
सख्त कार्रवाई करने का निर्देश
बचाव पक्ष के वकील ने बताया कि पीड़ित बच्ची के माता-पिता के मोबाइल फोन की जांच करने की उनकी याचिका को भी स्वीकार नहीं किया गया था। भारतीय सेना के अधिकारियों ने कहा कि बल इस तरह की गतिविधियों के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता रखता है और सेना मुख्यालय ने ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने वाले कर्मियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।