Harvinder Singh Became An Example For Farmers: यूं तो खेती-किसानी का काम सदियों से होता आ रहा है लेकिन ऑर्गेनिक फार्मिंग ने इसके तौर-तरीकों को काफी हद तक बदल दिया है। यह तरीका न केवल अच्छी उपज पाने में मददगार रहता है बल्कि साथ ही किसानों को अच्छी आमदनी भी करा रहा है। बरनाला के गांव बडबर के किसान हरविंदर सिंह सभी किसानों के लिए मिसाल बन गये हैं। इनका कहना हैं कि मै अपनी फसल को अपने रेट से बेचूंगा। हरविंदर सिंह अपनी 3 एकड़ जमीन में 1 साल में 35 से 40 ऑर्गेनिक फसल की पैदावार का खुद मंडीकरण करके मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।
इन सभी की करते हैं खेती
आज हरविंदर सिंह के खेत में ड्रैगन फ्रूट, हल्दी, स्वीट कॉर्न, गन्ना, मक्की, सरसों, सफेद चना, काला चना, मसूरी, जीरा, ईसबगोल, सौंफ, अलसी, जौ के इलावा मौसमी सब्जियों में टमाटर, आलू,मिर्च गोभी गाजर पालक, साग आदि तकरीबन 20 तरह की सब्जियां और कई तरह के फल अमरूद, कीन्नू संतरा, पपीता, मौसमी, अंजीर, अनार,चीकू आदि की पैदावार की जा रही है और वे खुद दुकान लगाकर उसे बेचते हैं। इससे उनकों मोटा मुनाफा होता है।
पंजाब के कोने-कोने से किसान हरविंदर के फार्म हाउस में पहुंचते हैं और हरविंदर सिंह किसानों को खेती करने की नसीहत भी देते हैं उनका कहना है कि किसानों को एक दिन कनक-धान के फसली चक्क से निकल अपनी फसल का खुद मंडीकरण करना पड़ेगा। आने वाले समय में यह एक बड़ी जरूरत है तभी किसान बच पाएगा।
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किसान से बने व्यापारी
बरनाला के रहने वाले किसान हरविंदर सिंह पेशे से किसान भी हैं और व्यापारी भी हैं। इन्होंने 2017 में अपने खेतों में ऑर्गेनिक खेती की शुरुआत की। वह अपने खेतों में अपनी पैदावार खुद करते हैं और फसल का मंडीकरण भी वह खुद करते हैं। इसी के चलते वे अच्छा मुनाफा भी कमा रहे है। वे अपने खेतों में 1 साल के अंदर 35 से 40 फसलों की पैदावार करते हैं उनकी सारी फसले कीटनाशक स्प्रे रहित ऑर्गेनिक है और वे उन फसलों को खुद बेच कर मोटा मुनाफा भी कमाते हैं। वे अपने खेतों के बाहर ही बरनाला चंडीगढ़ हाईवे पर जबंधा कुदरती खेती फॉर्म बनाकर एक छोटी सी हट (दुकान) बनाकर उस दुकान पर अपने खेतों द्वारा तैयार की गई सब्जियां,फल फ्रूट, मक्की का आटा, गुड़,शक्कर, सरसों का तेल, शहद, हल्दी दालें सब्जियों और फलों की पनीरी बनाकर बेचने का काम कर रहे हैं।
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खुद बेचने से मिलता है अच्छा मुनाफा
हरविंदर सिंह बताते हैं कि अपने मुनाफे का हिसाब वे हमेशा कॉपी में लिखते है और कितनी कमाई किस पैदावार में हुई और अपनी कमाई करने के तरीकों से अपने किसान भाइयों को जागृत भी कर रहे हैं। हरविंदर सिंह कहते है कि मेरी पैदावार मेरी फसल पर मेरा हक है मेरी मर्जी है उसे बेचने का भी हक मेरा है अगर उसे मंडी में व्यापारी को दूंगा तो मुनाफा कम होगा इसीलिए खुद बेचकर अच्छा मुनाफा कमा रहा हूं।
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आर्गेनिक खेती को दिया जोर
पंजाब सरकार से भी पुरजोर मांग की सरकार एक ऑर्गेनिक मंडी की भी पक्के तौर पर व्यवस्था करें हर एक जिले में एक ऑर्गेनिक मंडी होना जरूरी चाहिए ताजो लोग कीटनाशक सप्रे मुक्त फल सब्जियां खा सके और भयंकर बीमारियों से बचा जा सके और वही आज पंजाब पानी का गिरता स्तर डार्क जोन की वजह से चिंतित है उससे भी बचा जा सकता है पानी और पराली ली की आग दूषित वातावरण जलवायु से भी बहुत बड़ी बचत हो सकती है
पंजाब सरकार द्वारा किए गये सम्मानित
हरविंदर सिंह को पंजाब सरकार और जिला स्तरीय और एग्रीकल्चर खेती विभाग की तरफ से सम्मानित भी किया गया है जिसके लिए विशेष धन्यवाद करते हरविंदर सिंह ने कहा कि समय-समय पर जब सरकार हमारे काम की प्रशंसा करती है तो हमारा हौसला बढ़ जाता है और बाकी किसानों को भी सेध मिलती है कि वह भी फसली चक्र से निकलकर ऑर्गेनिक खेती और बदलाव की खेती की तरफ रुझान बढ़े।
आर्गेनिक खेती से सेहत और रुपये दोनों का फायदा
किसान हरविंदर सिंह ने ऑर्गेनिक खेती को दोहरा फायदा बताते ऑर्गेनिक खेती “पूण अते फलिया” सेहत भी अच्छी और मुनाफा भी वाजिव” किसान भाइयों से अपील भी की के केंद्र सरकार और पंजाब सरकार और खेतीबाड़ी विभाग हमेशा किसानों को फसली चक्र से निकल कर ऑर्गेनिक खेती की तरफ ध्यान दे ऑर्गेनिक खेती से सेहत भी अच्छी रहेगी और आमदनी मुनाफा भी अच्छा होगा अगर हरविंदर सिंह किसान की तरह बाकी किसान अपनी फसल का खुद मंडीकरण करें तो मोटा मुनाफा कमाया जा सकता है