Punjab election 2027: देश की कई राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियां इन दिनों बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव पर फोकस किए हैं, लेकिन कांग्रेस ने एक कदम आगे बढ़ाते पंजाब फतह करने पर काम करना शुरू कर दिया है। शनिवार को पीपीसीसी अध्यक्ष और सांसद अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने पंजाब में तैनात किए जाने वाले 58 आब्जर्वर से चंडीगढ़ स्थित कांग्रेस भवन में मीटिंग की। राजा वडिंग के अनुसार, उन्होंने कुछ समय पहले पंजाब के सभी 117 विधानसभा हलकों में कोऑर्डिनेटर की तैनाती की थी।
कांग्रेस भवन तक जाएगी जमीनी रिपोर्टिंग
राजा वडिंग ने बैठक में कहा कि हर विधानसभा हलके में कोऑर्डिनेटर पार्टी वर्करों के साथ मिलकर जमीनी स्तर पर काम करें। उसकी रिपोर्टिंग चंडीगढ़ कांग्रेस भवन में करें। इसके लिए वडिंग ने हर 2 विधानसभा हलकों पर एक-एक ऑब्जर्वर नियुक्त कर दिया है। 58 आब्जर्वर अपने-अपने विधानसभा हलके की पार्टी गतिविधियों की रिपोर्ट पीपीसीसी अध्यक्ष अमरिंदर सिंह को सीधे तौर पर देंगे।
7-7-7 फॉर्मूला कैसे करेगा काम
अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने बताया कि कांग्रेस पार्टी अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत बनाने के लिए ब्लॉक कमेटियों के साथ मंडल कमेटियां, बूथ कमेटियां भी नए सिरे से दुरुस्त करेगी। जमीनी स्तर पर काम करने वाले बूथ कमेटी में 21 सदस्य होंगे। हर कमेटी में 7 सीनियर वर्कर, 7 महिलाएं, 7 युवा और एक सोशल मीडिया कोऑर्डिनेटर शामिल होगा।
दो सप्ताह में मांगा ब्यौरा
बैठक में चर्चा हुई कि बूथ कमेटी का सदस्य बनने के लिए संबंधित बूथ में उसका वोट का होना अनिवार्य होगा। बूथ कमेटी में जिला प्रधान, ब्लाक प्रधान, विधायक, हलका इंचार्ज का नाम भी दर्ज होगा। हरेक बूथ कमेटी का पूरा ब्यौरा आगामी 2 सप्ताह में पीपीसीसी अध्यक्ष के कार्यालय में जमा करवाना होगा। हर 20 बूथ कमेटियों पर एक मंडल कमेटी बनाई जाए, मंडल कमेटी भी 21 सदस्यों की होगी।
ऐसे रखा जाएगा मंडल कमेटी का नाम
ब्लॉक कमेटी में 31 सदस्यों को लेना अनिवार्य किया गया है। पीपीसीसी अध्यक्ष अनुसार जो कोई सदस्य ब्लाक कमेटी में काम करने की इच्छा नहीं दिखा रहा, उसके स्थान पर किसी अन्य को मौका दिया जाए। अधिक आबादी वाले गांव के नाम पर ही मंडल कमेटी का नाम रखा जाए।
गुटबंदी से पाना होगा पार
कांग्रेस को पंजाब जीतने के लिए पार्टी में चल रही गुटबंदी को दूर करना होगा। इसी गुटबंदी के चलते लुधियाना वेस्ट विधानसभा के उपचुनाव में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि पंजाब कांग्रेस के प्रभारी भूपेश बघेल कभी-कभी पार्टी को एक करने की भूमिका में नजर आते हैं।