मोगा: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर भर्ती अभियान शुरू करने का ऐलान किया है। यह घोषणा मुख्यमंत्री मोगा में शिक्षक दिवस पर आयोजित राज्यस्तरीय समारोह के मंच से 80 शिक्षकों को सम्मानित करने से पहले कही। इस दौरान भगवंत मान ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में पंजाब को अग्रणी राज्य बनाने की प्रतिबद्धता के तहत उनकी सरकार आने वाले दिनों में कैंपस मैनेजर, सफाई कर्मचारी, चौकीदार, सुरक्षा गार्ड समेत बहुत से पदों के लिए भर्ती करेगी। सबसे पहले राज्य में स्कूल ऑफ एमिनेंस शुरू करने का प्लान है, जिसके तहत 13 सितंबर को पहले स्कूल ऑफ एमिनेंस को जनसमर्पित कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऐसे स्कूलों की स्थापना के लिए 68 करोड़ रुपए का फंड जारी किया गया है।
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मुख्यमंत्री भगवंत मान ने माेगा में शिक्षक दिवस पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में प्रदेश के 80 प्रभावशाली शिक्षकों को किया सम्मानित
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12710 अस्थायी शिक्षकों को स्थायी कर देने ऐलान पर जताई सीएम ने प्रसन्नता, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आठ प्रशिक्षण केंद्र भी खोलने की कही बात
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्कूलों का कायापलट करने के लिए पंजाबभर के स्कूलों की 10 हजार कक्षाओं को नया रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन कक्षाओं में नए प्रकार का फर्नीचर उपलब्ध कराया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसके अलावा राज्य में एक हजार नए क्लासरूम बनाये जा रहे हैं। स्कूल प्राचार्यों और शिक्षकों के बैच को राज्य सरकार देश-विदेश के प्रसिद्ध शिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण के लिए भेज रही है, ताकि वो आधुनिक शिक्षण तकनीक सीख सकें।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि शिक्षक दुनियाभर में शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिक प्रथाओं से अवगत हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी प्रकार सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए इसरो एवं अन्य संस्थानों में भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे सरकारी स्कूल के छात्र अपने कॉन्वेंट-शिक्षित साथियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य छात्रों का समग्र विकास करना और उन्हें जीवन में कड़ी मेहनत करने में सक्षम बनाना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के इतिहास में पहली बार राज्य भर के सरकारी स्कूलों में अभिभावक-शिक्षक बैठकें आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि इस व्यापक अभिभावक-शिक्षक बैठक में 19 लाख से अधिक अभिभावकों ने भाग लिया। भगवंत सिंह मान ने उम्मीद जताई कि यह पहल छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने में मदद करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पिछले साल शिक्षक दिवस के मौके पर उन्होंने अनुबंध पर नियुक्त सभी शिक्षकों की सेवा नियमित करने का वादा किया था। इस बात का ऐलान करते हुए बहुत खुशी हो रही है कि कर्मचारियों का अब कच्चा (Temporary) शब्द के बोझ के साथ नौकरी नहीं करनी पड़ेगी। सभी बाधाओं को दूर कर सरकार ने 12710 अस्थायी शिक्षकों को स्थायी कर दिया है’। भगवंत मान ने कहा कि शिक्षकों की सेवाएं नियमित करने के साथ-साथ उनके वेतन में पांच फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी और छुट्टियों समेत अन्य लाभ भी मिलेंगे। राज्य में विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने के लिए आठ प्रशिक्षण केंद्र खोले जा रहे हैं।
इस दौरान सीएम मान ने कहा कि राज्य सरकार लोगों को स्वच्छ, प्रभावी, जवाबदेह और पारदर्शी प्रशासन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस नेक काम के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। शिक्षक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने 80 शिक्षकों को राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया। इससे पहले कैबिनेट मंत्री हरजोत बैंस ने मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया, वहीं इस मौके पर कैबिनेट मंत्री कुलदीप धालीवाल, लालजीत भुल्लर, बलकार सिंह, हरभजन सिंह ईटीओ और डॉ. बलजीत कौर, डिप्टी स्पीकर जय कृष्ण सिंह, सचिव शिक्षा केके यादव एवं अन्य गणमान्य जन भी उपस्थित थे।