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दिल्ली के बाद अब क्या पंजाब की बारी? भगवंत मान के विधायकों-अधिकारियों पर ईडी की नजर

ED Watching Punjab MLAs and Excise Officers: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने के बाद अब ईडी की निगाहें पंजाब पर टिक गई हैं। माना जा रहा है कि अब ईडी के ऐक्शन की गाज पंजाब सरकार पर भी गिर सकती है। बताया जा रहा है कि वैसे भी केजरीवाल को अरेस्ट किए जाने के बाद पंजाब में आम आदमी पार्टी के विधायकों में डर का माहौल बन गया है।

Edited By : Gaurav Pandey | Updated: Mar 23, 2024 12:43
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Delhi CM Arvind Kejriwal and Punjab CM Bhagwant Mann
CM Bhagwant Mann ने News 24 से खास बातचीत की।

ED Watching Punjab MLAs and Excise Officers After Arvind Kejriwal Arrest : दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को गुरुवार को कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले में गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद से पंजाब में भी आप के अंदर डर का माहौल बना हुआ है। पिछले साल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आप के विधायक और पेशे से रियल्टर कुलवंत सिंह के मोहाली में स्थित आवास और ऑफिस पर छापेमारी की थी। इसके अलावा ईडी ने पंजाब सरकार के 3 अधिकारियों से पूछताछ भी की थी।

पंजाब भाजपा ने की है जांच की मांग

शुक्रवार को भाजपा की पंजाब इकाई के प्रमुख सुनील जाखड़ ने मांग की थी कि ईडी, निर्वाचन आयोग के साथ मिलकर प्रदेश में आप सरकार की शराब नीति की जांच करे। जिन अधिकारियों से ईडी ने पूछताछ की थी उनमें तत्कालीन एक्साइज फाइनेंस कमिश्नर केएपी सिन्हा और कमिश्नर वरुण रूजम समेत टैक्सेशन डिपार्टमेंट में जॉइंट कमिश्नर नरेश दुबे का नाम शामिल था। इसके अलावा पंजाब में शराब बेचने का होलसेल लाइसेंस (एल1) पाने वाली दो कंपनियों के प्रमोटर्स दिल्ली शराब नीति मामले में आरोपी हैं। ऐसे में पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार के लिए चिंता बढ़ी है।

पंजाब की शराब नीति पर भी सवाल 

ईडी ने यह आरोप भी लगाया है कि जब पंजाब में शराब नीति बनाई गई थी तब रूजम और दुबे दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर मौजूद थे। बता दें कि सिसोदिया भी दिल्ली शराब घोटाला मामले में जेल में बंद हैं। ईडी ने रूजम और दुबे के परिसरों पर छापेमारी भी की थी। इसके अलावा सीबीआई ने पिछले साल पंजाब सरकार से दो सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी। लेकिन सरकार ने इस पर न तो कोई जवाब दिया था और न ही ऐक्शन लिया था। उल्लेखनीय है कि केएपी सिन्हा इस समय फाइनेंस कमिश्नर (विकास) हैं।

सरकारी अधिकारियों को लेकर डर

आम आदमी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि डर इस बात का है कि ईडी के सामने अधिकारी कहीं सरकारी गवाह न बन जाएं। इससे नेताओं के लिए बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार पंजाब सरकार के एक सरकारी अधिकारी का कहना है कि हमारी नीति बहुत अच्छी है और हमने इससे करोड़ों रुपये की कमाई की है। लेकिन हम यह नहीं जानते हैं कि इसे लेकर केंद्र सरकार का रुख कैसा होगा। आप आरोप लगाती रही है कि ईडी का ऐक्शन भाजपा की राजनीतिक साजिश है और जानबूझकर चुनाव से पहले ऐसा किया जा रहा है।

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Written By

Gaurav Pandey

First published on: Mar 23, 2024 12:37 PM

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