Punjab News: भाखड़ा डैम का जलस्तर खतरे के निशान से महज एक फीट कम रहने के कारण गरुवार को भाखड़ा-व्यास मैनेजमेंट बोर्ड की तकनीकी कमेटी ने लगातार दूसरे दिन अहम बैठक की। बैठक के बाद फैसला लिया गया कि भाखड़ा डैम के फ्लड गेटों से 75 हजार क्यूसेक के बजाए, 85 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाए। उधर चिंता की बात ये है कि भाखड़ा डैम के अलावा, पौंग डैम और रणजीत सागर डैम के जलाशयों का जलस्तर खतरे के निशान से अधिक हो चुका है। जिसके कारण व्यास, रावी और सतलुज में अतिरिक्त पानी छोड़े जाने से तीनों प्रमुख दरिया उफान पर हैं।
गुरुवार को भाखड़ा डैम का जलस्तर 1679 फीट पर पहुंचा
बीबीएमबी के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार को भाखड़ा डैम का जलस्तर 1679 फीट पर पहुंच गया। डैम के जलाशय में गुरुवार को 95435 क्यूसेक पानी की आवक दर्ज हुई, जबकि डैम से 75 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बीबीएमबी की तकनीकी कमेटी ने सतलुज से सटे इलाकों को थोड़ी राहत देते हुए डैम से एक ही बार में दस हजार क्यूसेक पानी बढ़ाने के बजाए, हर दो घंटे बाद 2 हजार क्यूसेक पानी को छोड़ने का फैसला लिया है। शाम लगभग 7 बजे तक डैम से छोड़े जाने वाले पानी की कुल मात्रा 85 हजार क्यूसेक पर पहुंच जाएगी, जो गुरुवार 2 बजे तक 75000 क्यूसेक पर थी।
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इस साल पौंग डैम भी बना रहा लगातार नए रिकॉर्ड
मानसून सीजन निकल जाने के बाद पहली बार पौंग डैम का जलस्तर खतरे के निशान से 14.51 फीट अधिक था। सितंबर महीने की 3 तारीख को डैम के जलाशय में रिकार्ड 1 लाख 32 हजार 595 क्यूसेक पानी की आवक दर्ज की गई, जो हैरान कर देने वाला आंकड़ा है। डैम में पानी की आवक अधिक होने के कारण बीबीएमबी की तकनीकी कमेटी के निर्देश पर डैम से 91 हजार 167 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। उधर रणजीत सागर डैम में खतरे का निशान 537 मीटर पर है, लेकिन गुरुवार को डैम के जलाशय का जलस्तर 527.05 मीटर हो गया। इस स्थिति में डैम से करीब 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्णय लेना पड़ा। अधिकारिक जानकारी अनुसार डैम के जलाशय में पानी की आवक गुरुवार को 78193 दर्ज की गई।
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