---विज्ञापन---

Punjab: सीएम के नेतृत्व में मंत्री मंडल ने कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के शिक्षकों को यू.जी.सी. के वेतन स्केल लागू करने को हरी झंडी

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में मंत्री मंडल ने राज्य की यूनिवर्सिटियों, सरकारी कॉलेजों और सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों के अध्यापकों को सातवें वेतन आयोग के मुताबिक यू.जी.सी. के वेतन स्केल देने की मंजूरी दे दी है।इस संबंधी फ़ैसला यहां पंजाब सिविल सचिवालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता अधीन हुई मंत्री मंडल की मीटिंग के […]

Edited By : Siddharth Sharma | Updated: Sep 10, 2022 11:21
Share :
Union Budget 2023, CM Bhagwant Mann, punjab news
Bhagwant Mann

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में मंत्री मंडल ने राज्य की यूनिवर्सिटियों, सरकारी कॉलेजों और सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों के अध्यापकों को सातवें वेतन आयोग के मुताबिक यू.जी.सी. के वेतन स्केल देने की मंजूरी दे दी है।इस संबंधी फ़ैसला यहां पंजाब सिविल सचिवालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता अधीन हुई मंत्री मंडल की मीटिंग के दौरान लिया गया।

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने यह प्रकट करते हुए बताया कि राज्य की यूनिवर्सिटियों और कॉलेजों में अध्यापकों और समान काडर में काम करने वालों की काफी देर की माँग पूरी करते हुए मंत्री मंडल ने 15 जनवरी, 2016 से उनके वेतन स्केलों को संशोधन कर 1 अक्तूबर, 2022 से लागू करने की मंजूरी दे दी है।

---विज्ञापन---

इस फ़ैसले से राज्य की यूनिवर्सिटियों (पंजाब यूनिवर्सिटी समेत), सरकारी कॉलेजों और सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों के सभी अध्यापकों और समान काडर में काम करने वाले कर्मचारियों को लाभ होगा।

सरकारी कॉलेजों के लिए विज़टिंग रिसोर्स फेकल्टी नियुक्त करने की मंजूरी

---विज्ञापन---

कॉलेजों में टीचिंग फेकल्टी की कमी दूर करने के लिए एक अन्य महत्वपूर्ण फ़ैसला लेते हुए मंत्री मंडल ने विज़टिंग रिसोर्स फेकल्टी नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है। यह नियुक्ति कॉलेजों के यूनिवर्सिटियों के सेवामुक्त अध्यापकों जिनके पास यू.जी.सी./यूनीवर्सिटियों के नियमों के अनुसार योग्यता है या सम्बन्धित विषय के क्षेत्र में अध्यापक के तौर पर मंजूरी है, में से की जाएगी।

विज़टिंग रिसोर्स फेकल्टी को सेवामुक्त फेकल्टी सदस्यों में से 70 साल की उम्र तक नियुक्त किया जा सकता है। इनको प्रति सैशन के हिसाब से मान-भत्ता दिया जाएगा, जो 30 हज़ार रुपए महीना से अधिक नहीं होगा। यह व्यवस्था खाली पदों पर रेगुलर भर्ती प्रक्रिया पूरी होने तक ही जारी रहेगी।

सरकारी कॉलेजों में काम करने वाले गेस्ट फेकल्टी के मान-भत्ता बढ़ाने की मंज़ूरी

उच्च शिक्षा का स्तर ऊँचा उठाने के उद्देश्य से एक और फ़ैसला लेते हुए मंत्री मंडल ने सरकारी कॉलेजों में सेवा निभा रही गेस्ट फेकल्टी के मान-भत्तों में वृद्धि करनै की मंजूरी दे दी है, जो योग्य और अयोग्य गेस्ट-फेकल्टी का मान-भत्ता बढ़ाकर कम से कम 33,600 रुपए प्रति माह होगा। इनकी तनख़्वाह में वृद्धि सेवा की समय-सीमा और नोटिफिकेशन में दिए स्लैब के अनुसार किया जाएगा। मंत्री मंडल ने यह भी अनिवार्य किया है कि राज्य के सरकारी कॉलेजों में काम कर रही सारी अयोग्य गेस्ट और पार्ट टाईम फेकल्टी को नोटिफिकेशन के जारी होने से 2 सालों के अंदर यू.जी.सी. की शर्तें पूरी करनी होंगी।

संत अतर सिंह स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ मैडीकल साइंसेज़ के लिए 1020 पद सृजन करने की मंजूरी

लोगों को मानक स्वास्थ्य सेवाएं देने और नौजवानों को रोजग़ार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से मंत्री मंडल ने संगरूर जि़ले में मस्तूआना साहिब में नए बनने जा रहे संत अतर सिंह स्टेट इंस्ट्यूट ऑफ मैडीकल साइंसज़ के लिए 1020 पद सृजन करने की मंजूरी दे दी है।

मंत्री मंडल ने निर्माण अधीन इस मैडीकल कॉलेज में यह पद सृजन करने, भरने और पे स्केल तय करने की मंज़ूरी दे दी है। इन 1020 पदों में फेकल्टी के 193 पद, पैरा-मैडीकल स्टाफ के 427 के अलावा 400 अन्य पद हैं। इस संस्था के शुरू होने से इसमें एम.बी.बी.एस. के कोर्स की 100 सीटें भी होंगी, जिस कारण इन पदों का सृजन किया गया है, तो नौजवानों को मानक मेडिकल शिक्षा मुहैया करवाई जा सके।

इस फ़ैसले से मरीज़ों को मानक स्वास्थ्य सुविधाएं देने और नौजवानों को मैडीकल के क्षेत्र में मौके प्रदान करने का दोहरा मनोरथ पूरा होगा। इस संस्था में मैडीकल फेकल्टी के पद राष्ट्रीय मैडीकल कौंसिल द्वारा प्रवानित शिक्षा, तजुर्बे और अन्य प्रक्रिया को आधार बनाकर भरे जाएंगे। पैरा मैडीकल स्टाफ और दर्जा-चार पदों की भर्ती स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मौजूदा नियमों और पंजाब स्टेट (क्लास-4) सर्विस रूल्ज-1963 के नियमों के मुताबिक भरे जाएंगे।

गार्डियन्ज़ ऑफ गवर्नेंस स्कीम बंद करने की मंज़ूरी

पिछले सालों में कुछ विभागों की स्कीमों की निगरानी रखने सम्बन्धी सौंपी जि़म्मेदारी सन्तोषजनक न रहने के कारण मंत्री मंडल ने बड़े सार्वजनिक हित में गारडियन्ज़ ऑफ गवर्नेंस (जी.ओ.जी.) स्कीम को बंद करने का फ़ैसला किया है। साल 2017 में पंजाब सरकार द्वारा कुछ विभागों की स्कीमों को ज़मीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने की निगरानी रखने के उद्देश्य से जी.ओ.जी स्कीम शुरू की गई थी।

यह स्कीम अपना असली मनोरथ पूरा करने में असफल रही, जिस कारण इस स्कीम को तुरंत प्रभाव से बंद करने का फ़ैसला लिया है। इसी तरह मंत्री मंडल ने विजीलैंस ब्यूरो की साल 2021 की सालाना प्रशासकीय रिपोर्ट को भी हरी झंडी दे दी है।

HISTORY

Edited By

Siddharth Sharma

First published on: Sep 10, 2022 11:20 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें