चंडीगढ़: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध शुरू की मुहिम के अंतर्गत सोमवार को पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु को अनाज की ढुलाई के साथ सम्बन्धित टैंडर के घोटाले में गिरफ्तार कर लिया है और मामले की आगे जांच जारी है। उनको कल स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए सोमवार को यहां राज्य विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि शिकायतकर्ता गुरप्रीत सिंह की तरफ से की गई शिकायत की पड़ताल के उपरांत ब्यूरो ने पहले ही आइपीसी की धारा 420, 409, 467, 468, 471, 120- बी और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 7,8,12, 13 ( 2) तारीख़ 16-8-2022 को एफआईआर नंबर 11 के अंतर्गत विजीलैंस ब्यूरो के थाना लुधियाना में मुकदमा दर्ज किया हुआ है, जिसमें ठेकेदार तेलू राम, जगरूप सिंह और सन्दीप भाटिया के इलावा गुरदास राम एंड कंपनी के मालिक/ भागीदारों के नाम शामिल हैं।
इस संबंधी और जानकारी देते हुये उन्होंने बताया कि मुलजिम तेलू राम को विजीलैंस की तरफ से पहले ही गिरफ्तार की जा चुकी है और वह इस समय पर पुलिस रिमांड पर है। विजीलैंस की जांच के दौरान, मुलजिम तेलू राम ने बताया है कि वह सीजन 2020- 21 के लिए टैंडर प्राप्त करने के लिए भारत भूषण आशु को उनके पी. ए मीनू मल्होत्रा के द्वारा मिला था, जिसने उसको राकेश कुमार सिंगला, डिप्टी डायरैक्टर ख़ाद्य और सिविल सप्लाईज को मिलने के लिए कहा था। सिंगला टैंडरों के लिए विभागीय मुख्य विजीलैंस कमेटी के चेयरमैन होने के नाते पूरे पंजाब के इंचार्ज थे और पूर्व मंत्री के निर्देशों पर कार्यवाही कर रहे थे।
मुलजिम तेलू राम ने विजीलैंस ब्यूरो को बताया कि जब वह आर . के. सिंगला को मिला तो उसने पूर्व मंत्री की की तरफ़ से 30 लाख रुपए की माँग की और अलग-अलग दिनों में उसने आर. के. सिंगला को 20 लाख रुपए, पी. ए. मीनू मल्होत्रा को 6 लाख रुपए और अन्य अधिकारियों को भी पैसे दिए।
प्रवक्ता ने आगे बताया कि उपरोक्त खुलासों के साथ-साथ सबूतों के आधार पर उक्त व्यक्तियों और पूर्व मंत्री भारत भूषण आशु को इस मामले में मुलजिम के तौर पर नामज़द किया गया है। जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया है कि तेलू राम ने पिछले समय के दौरान करीब 20 एकड़ ज़मीन ख़रीदी है और दोषी मीनू मल्होत्रा, जोकि फ़रार है, ने भी कई जायदादें बनाईं हैं और इस सम्बन्धी रिकार्ड भी इकट्ठा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुलजिम राकेश कुमार सिंगला की तैनाती सम्बन्धी रिकार्ड भी इकट्ठा किया जा रहा है और उसकी तरफ से बनाईं जायदादों की भी जांच की जायेगी।
इस घोटाले को अंजाम देने के तरीके सम्बन्धी खुलासा करते हुये प्रवक्ता ने बताया कि टैंडर कलस्टर के अनुसार मांगे गए थे जिसमें मंडियों के ‘ ए’ ग्रुप और सभी खरीद एजेंसियों का काम कलस्टर अनुसार अलाट किया गया था और ख़ास क्षेत्र में अग्रणी मंडियों का नाम कलस्टर के नाम के तौर पर इस्तेमाल किया गया था। लुधियाना जिले में, तेलू राम के 4 कलस्स्टर थे जिसमें जोधां, मुल्लांपुर, रायकोट और पायल जिसमें 34 अनाज मंडियां शामिल हैं। इसके इलावा तेलू राम के पास ज़िला फ़िरोज़पुर में तलवंडी भाई और ज़िला रोपड़ में भी एक कलस्टर था।
जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि मुख्य मुलजिम तेलू राम ने उक्त काम के लिए करीब 25 करोड़ रुपए की रकम हासिल की थी। टैंडर प्राप्त करने के लिए मुलजिमों की तरफ से जमा करवाई गई गाड़ीयों की सूचियों में कारों, स्कूटरों, मोटर साइकिलों आदि के रजिस्ट्रेशन नंबर थे जबकि उन्हें ढुलाई वाले वाहनों की सूचियों की पड़ताल करनी बनती थी। तस्दीक के बाद ज़िला टैंडर कमेटी के द्वारा तकनीकी बोली को रद्द करना ज़रूरी था परन्तु उन्होंने मिलीभुगत के साथ टैंडर अलाट कर दिए।
उन्होंने कहा कि गेट पासों में भी स्कूटरों, कारों आदि के नंबर लिखे हुए थे परन्तु उक्त अधिकारियों ने इन गेट पासों में दर्ज सामग्री के सम्बन्ध में मुलजिम ठेकेदारों को अदायगियाँ कर दीं, जिसके साथ अनाज के गबन का मामला भी सामने आया है। उन्होंने बताया कि इस सम्बन्धी आगे जांच जारी है और इस घोटाले में दूसरों की मिलीभुगत के बारे भी जांच की जायेगी।
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