चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार अनुसूचित जाति, पिछड़ी श्रेणी और अल्पसंख्यक वर्ग के लिए वचनबद्ध है। इसी कड़ी में सामाजिक न्याय, अधिकारिता और अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने आज विभाग के समूह अधिकारियों को हिदायत की कि पंजाब सरकार की तरफ से विभाग के द्वारा दी जा रही स्कीमों का लाभ कम से कम समय में लाभार्थियों को मुहैया करवाने को यकीनी बनाया जाएं।
उन्होंने कहा कि यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी की तरफ से लाभार्थी को मिलने वाले सरकारी लाभ में अनावश्यक रुकावटें डालने सम्बन्धी शिकायत प्राप्त हुई तो सम्बन्धित के खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
पंजाब भवन में हुई अधिकारियों की मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए डॉ. बलजीत कौर ने विभाग द्वारा चलाईं जा रही सभी स्कीमों का रिविऊ किया गया। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से अनुसूचित जाति, पिछड़ीं श्रेणी और अल्पसंख्यक वर्ग की भलाई के लिए बीते वित्तीय वर्ष के मुकाबले चालू वर्ष के संशोधित बजट में 47 प्रतिशत का विस्तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि आशीर्वाद स्कीम के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों का निपटारा तुरंत किया जाना यकीनी बनाया जाये। इसके साथ ही उन्होंने 160.23 करोड़ रुपए के साथ 31418 लाभार्थियों को नवंबर, 2021 से लेकर 31 मार्च 2022 तक लाभ जल्द देने के भी हुक्म दिए।
पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम फार एस. सी. एंड बी. सी. स्टूडेंट्स का मूल्यांकन करते हुये स्कीम के अंतर्गत डॉ. अम्बेदकर स्कॉलरशिप पोर्टल 21 अप्रैल, 2022 को विद्यार्थियों के अप्लाई करने के लिए खोल दिया गया था। जिस पर तारीख़ 3 अगस्त, 2022 तक 50851 विद्यार्थियों की तरफ से अप्लाई किया जा चुका है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री की तरफ से हिदायत की गई कि योग्य विद्यार्थियों से प्राप्त दावा को तारीख़बद्ध तरीके से सेक्शन करके अपना प्रस्ताव लागू कर विभागों को भेजा जाएं। जिससे विद्यार्थियों को बनता लाभ समय पर दिया जा सके।
उन्होंने विभाग के अधिकारियों को हिदायत दी कि विभाग की तरफ से शुरू किये गए कामों को समय पर पूरा किया जाये और साथ यह भी यकीनी बनाया जाए कि निर्माण का कार्य अच्छी क्वालिटी का भी हो।
डॉ. बलजीत कौर की तरफ से विभाग के अधिकारियों को हिदायत की गई कि उनके ध्यान में आया है कि कुछ लोगों की तरफ से गलत तरीके से अनुसूचित जाति के जाली सर्टिफिकेट बना कर लाभ लिया जा रहा है जोकि अनुसूचित जाति के लोगों के अधिकारों पर सेंध मारने के समान है। उन्होंने आधिकारियों को हिदायत की ऐसे लोगों के खि़लाफ़ प्राप्त शिकायतों पर तुरंत कार्यवाही करते हुये कानून अनुसार सख़्त से सख़्त कार्यवाही अमल में लाई जाएं।