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केंद्र पर जमकर बरसे NCP प्रमुख शरद पवार, कहा- नहीं करेंगे आत्मसमर्पण

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी ‘दिल्ली में मौजूद शासकों’ के सामने कभी आत्मसमर्पण नहीं करेगी। पवार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से बेदखल करने के लिए गैर-भाजपा दलों से एक बार फिर मिलकर काम करने का आह्वान किया। उनका यह बयान ऐसे […]

Edited By : Pulkit Bhardwaj | Updated: Sep 12, 2022 15:53
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Sharad Pawar
Sharad Pawar

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी ‘दिल्ली में मौजूद शासकों’ के सामने कभी आत्मसमर्पण नहीं करेगी।

पवार ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से बेदखल करने के लिए गैर-भाजपा दलों से एक बार फिर मिलकर काम करने का आह्वान किया। उनका यह बयान ऐसे समय आया है, जब विपक्ष के कई नेता केंद्रीय जांच एजेंसियों की तफ्तीश का सामना कर रहे हैं।

दिल्ली में आयोजित राकांपा के आठवें राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को महंगाई, बेरोजगारी, किसानों के प्रदर्शन से निपटने के तरीके और देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ ‘नफरत फैलाने’ के मुद्दे पर आड़े हाथों लिया।

राज्यसभा सदस्य पवार (81) ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘हमें लोकतांत्रिक तरीके से मौजूदा सरकार को चुनौती देनी है, जो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी केंद्रीय एजेंसियों व धनबल का दुरुपयोग कर रही है। हमें इस लड़ाई के लिए तैयार रहना होगा।’’

गौरतलब है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, फारूक अब्दुल्ला, पी चिदंबरम, कार्ति चिदंबरम, नवाब मलिक, अभिषेक बनर्जी, संजय राउत, सत्येंद्र जैन, मनीष सिसोदिया सहित विपक्षी दलों के विभिन्न नेता केंद्रीय एजेंसियों की जांच का सामना कर रहे हैं।

केंद्र सरकार का दावा है कि इन नेताओं द्वारा की गई कथित अनियमितता की वजह से यह जांच हो रही है, जबकि विपक्ष इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई बता रहा है।

पवार ने दिल्ली के तालकटोरा इंडोर स्टेडियम में इस सम्मेलन को आयोजित करने के महत्व को भी रेखांकित किया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह वही स्थान है, जहां वर्ष 1737 में दिल्ली के शासकों को चुनौती देने आए बाजीराव पेशवा ने अपनी सेना के साथ शिविर लगाया था।’’

राकांपा के अनुभवी नेता ने पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ रणनीति बनाएं, आम आदमी को प्रभावित करने वाले मुद्दों को लेकर संयुक्त अभियान चलाएं और भाजपा को सत्ता से दूर करने के लिए कार्य करें।

मीडिया से बातचीत करते हुए राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि पवार को विपक्षी ताकतों को एकजुट करने लिए विशेष भूमिका निभाने के लिए रखा गया था।

इसके साथ ही उन्होंने उन कयासों को खारिज किया कि पवार अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के दावेदार हो सकते हैं। पटेल ने कहा कि पवार ने हमेशा सकारात्मक राजनीति की है।

उन्होंने कहा, ‘‘पवार साहब कभी प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं रहे हैं। हम जमीनी हालात की जानकारी रखने वाली पार्टी हैं। हमारी पार्टी अन्य पार्टियों की तुलना में छोटी हो सकती है, लेकिन हमारे नेता का पूरे देश में सम्मान है और उनकी लोकप्रियता हमारी पार्टी से अधिक है।’’

वहीं, राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरज शर्मा ने अपील की कि 2024 में पवार के नेतृत्व में ही संयुक्त विपक्ष भाजपा को शिकस्त दे सकता है। उन्होंने कहा कि “आज हर क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दल को बीजेपी के खिलाफ़ एक साथ आने की जरूरत है। लेकिन अगर विपक्ष को कोई साथ ला सकता है, तो वो पवार साहेब ही हैं।”

 

राकांपा के राष्ट्रीय सम्मेलन को पी सी चाको, छगन भुगबल, सुप्रिया सुले, जयंत पाटिल, अमोल कोल्हे और फौजिया खान सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने संबोधित किया।

पवार ने विभिन्न राज्यों में होने वाले नगर निगम, जिला परिषद और पंचायत समितियों के आगामी चुनावों में युवा नेतृत्व को अहम भूमिका देकर मजबूत बनाने पर जोर दिया।

 

First published on: Sep 12, 2022 02:54 PM

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