BMC Issue Notice To 462 Projects: मुंबई में बढ़ते वायु प्रदूषण ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है, यहां प्रदूषण 3 साल के उच्चतम स्तर पर है। प्रदूषण को कम करने के लिए पिछले 1 साल में प्रशासन ने 500 करोड़ रुपए खर्च किए, जिसमें रोड पर पानी छिड़काव के साथ ही आधुनिक मशीनों को लाया गया।
इसके बावजूद अभी तक प्रदूषण के स्तर में कमी नहीं आई। हालत यह है कि अब बीएमसी प्रशासन ने 462 प्रोजेक्ट को अस्थाई रूप से बंद करने का नोटिस दिया है जबकि पूरे मुंबई में 1038 निर्माण प्रोजेक्ट की जांच की गई।
क्यों बढ़ रहा है मुंबई में वायु प्रदूषण
मुंबई तीन तरफ से समुद्र से घिरी है। ऐसे में संभावना यही थी कि समुद्र की तरफ से आने वाली ताजी हवा के कारण कभी भी मुंबई की आबोहवा खराब नहीं होगी और मुंबई में लोग सांस ले, लेकिन हवा के पैटर्न में बदलाव, समुद्री सतह का ठंडा होना, धूल के कण और दूषित तेल के उपयोग भी यहां जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं।
जानकारों के मुताबिक, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान के रेगिस्तानी क्षेत्र से उठी धूल भरी आंधी की वजह से मुंबई में प्रदूषण बढ़ा है। इसके अलावा, मुंबई की आबादी काफी सघन है और कम जगह में ज्यादा लोग रहते हैं। गाड़ियों की संख्या बेतहाशा बढ़ी है। ट्रैफिक के कारण गाड़ियां रोड पर ज्यादा रहती हैं और ज्यादा प्रदूषण करती हैं, लेकिन सबसे बड़ी वजह यह है कि मुंबई में इंफ्रास्ट्रक्चर के काम बड़े पैमाने पर चल रहे हैं, इस कारण भी प्रदूषण बढ़ा है।
प्रदूषण कम करने में लगी बीएमसी
पॉल्यूशन बढ़ते लेवल को कम करने के लिए मुंबई महानगर पालिका द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं। महानगर पालिका ने करीब 190 कंस्ट्रक्शन साइट्स को काम बंद करने का नोटिस जारी किया है। इन कंस्ट्रक्शन साइट पर नियमों की अनदेखी का आरोप है। मुंबई में नवंबर महीने से वायु गुणवत्ता में गिरावट शुरू हुई है। फैलते प्रदूषण को रोकने के लिए बीएमसी द्वारा नियमावली बनाई गई है, जिसका पालन सभी कंस्ट्रक्शन साइट को करना अनिवार्य है।
नियमावली बनाने के बाद बीएमसी ने करीब 1038 निर्माण स्थलों की जांच की, जिसमें करीब 462 निर्माण स्थलों को नियम उल्लंघन करने के लिए नोटिस जारी किया गया था। नोटिस जारी करने के बावजूद 190 निर्माण स्थलों ने सुधार नहीं किया।
इस 190 प्रोजेक्ट्स को काम बंद करने का नोटिस जारी कर दिया गया है। बीएमसी ने प्रदूषण फैलाने वालों पर निगरानी रखने के लिए हर वार्ड में एक स्क्वॉड तैयार किया है, जिसके माध्यम से सभी निर्माण स्थलों की निगरानी की जा रही है।
प्रदूषण का मामला हाईकोर्ट में भी गूंज रहा है और इस मामले में कोर्ट ने प्रशासन को खूब फटकार भी लगाई है। हाईकोर्ट ने यह सुझाव दिया है कि मुंबई में चलने वाली बेकरियों को लकड़ी और कोयले के प्रयोग पर रोक लगानी चाहिए। इसके साथ ही सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल पर जोर दिया जाना चाहिए।
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