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मुंबई

‘दबाव में BJP…’, पीएम मोदी के संघ मुख्यालय जाने पर भड़के संजय राउत, ‘सौगात-ए-मोदी’ पर कही ये बात

शिवसेना यूबीटी लीडर संजय राउत ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। राउत ने मोदी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय जाने पर सवाल उठाए हैं। वहीं, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार को भी घेरा है। विस्तार से उनकी बातों को जानते हैं।

Author Reported By : Indrajeet Singh Edited By : Parmod chaudhary Updated: Mar 30, 2025 12:29
Sanjay Raut

शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने पीएम मोदी के RSS मुख्यालय जाने पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी संघ मुख्यालय गए थे, लेकिन पीएम को 11 साल बाद वहां क्यों जाना पड़ा? बीजेपी पर संघ का वर्चस्व रहता है, यह सत्य है। अटल और आडवाणी संघ के सेवक थे, इसलिए विरोध का कोई कारण नहीं है। बीजेपी 11 साल से सत्ता में है, लेकिन पीएम को अब क्यों लगा कि संघ मुख्यालय जाना चाहिए? प्रधानमंत्री को इसके बारे में बताना चाहिए। राउत ने कहा कि मोदी के स्वभाव को देखें तो सत्ता के लिए वे किसी से भी दोस्ती कर सकते हैं।

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भावनात्मक रूप से किसी से दोस्ती करेंगे, मुझे नहीं लगता। उनका एटीट्यूड सिर्फ सत्ता के लिए झुकना है। जेपी नड्डा का अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल खत्म हो चुका है। मेरी जानकारी के अनुसार संघ को इस बार अपनी पसंद का अध्यक्ष चाहिए। इसलिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव रुका हुआ है। यह उनका निजी मामला है, वे संघ और बीजेपी को अलग नहीं मानते। ये एक सिक्के के दो पहलू हैं। एक राष्ट्रीय पक्ष है तो दूसरा उसकी संस्था। दोनों एक-दूसरे के विचारों को ही आगे बढ़ाते हैं।

मोदी में गुरु के गुण नहीं

नरेंद्र मोदी संघ मुख्यालय आए, इसमें आश्चर्य का कोई कारण नहीं है। उनके सामाजिक जीवन की शुरुआत ही संघ के प्रचारक के रूप में हुई, संघ कार्यालय में उन्होंने काम किया। उनका जो फोटो प्रसिद्ध हुआ, वह संघ के कार्यालय में झाड़ू लगाने का था। संघ के प्रमुख प्रचारक लक्ष्मण राव इनामदार उनके गुरु थे। वे प्रखर राष्ट्रवादी थे, लेकिन गुरु के कितने गुण उनमें हैं, यह 10 साल में उन्होंने देखा है?

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क्या बीजेपी अध्यक्ष को लेकर RSS और प्रधानमंत्री की चर्चा होगी? भाजपा नया राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन पा रही, इसका मतलब संघ का दबाव है। लोकसभा चुनाव में जो बीजेपी की सीटें घटी थीं, इसका कारण संघ के कार्यकर्ताओं का काम न करना था। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान संघ ने दिखा दिया कि वह क्या कर सकता है, क्या नहीं? संघ के लोगों ने मतदाता सूची में खूब जालसाजी की।

वादे भूल गई महायुति सरकार

चुनाव से पहले देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे, अजित पवार कर्ज माफी और लाडली बहनों को हर महीने 2100 रुपये देने की बात करते रहे, अब सरकार बनने पर वादे भूल गए। इन लोगों को रिजाइन कर देना चाहिए। एकनाथ शिंदे की जिम्मेदारी ज्यादा है, क्योंकि उस समय वे मुख्यमंत्री थे। शिंदे को अजित पवार के देवगिरि बंगले के बाहर भूख हड़ताल पर बैठना चाहिए। देवेंद्र फडणवीस को उन मंत्रियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, जो कुणाल कामरा को धमकी देते हैं। आज हम सभी के लिए एक पवित्र दिन है, कल ईद है। पीएम मोदी ‘सौगात-ए-मोदी’ किट को लेकर बनावटी व्यवहार कर रहे हैं।

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Parmod chaudhary

Reported By

Indrajeet Singh

First published on: Mar 30, 2025 12:29 PM

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