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मुंबई

‘जबरन हिंदी लागू न हो, सम्मान चाहिए, तो मराठी को…’ संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उठाए सवाल

संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बार फिर से महाराष्ट्र में मराठी को अनिवार्य करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हिंदी राजभाषा है, लेकिन मराठी को अनिवार्य किया जाना चाहिए। इसके अलावा, राउत ने कई सवाल भी उठाए हैं।

Author Edited By : Shabnaz Updated: Apr 18, 2025 11:34
Sanjay Raut

(अंकुश, मुंबई)

संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र में मराठी को लेकर कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को माय मराठी पर ध्यान देना चाहिए। सिर्फ कागजों पर मराठी अनिवार्य करने से कुछ नहीं होगा, जब तक जमीन पर इसे लागू नहीं किया जाएगा, तब तक मराठी को सम्मान नहीं मिलेगा। उन्होंने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि क्या आपने कभी बीजेपी नेताओं को मराठी के पक्ष में ठोस बोलते देखा है? महाराष्ट्र की स्थापना में इन लोगों का कोई योगदान नहीं है। जब बेलगावी में मराठी भाषा पर अत्याचार हो रहा है, तब बीजेपी के नेताओं ने आवाज उठाई क्या? हिंदी को भले ही वैध दर्जा न मिला हो, लेकिन उसे राष्ट्रभाषा का दर्जा दिया गया है।

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हिंदी न थोपी जाए- राउत

संजय राउत ने कहा कि मोदी और शाह को अंग्रेजी नहीं आती, इसलिए हमारे ऊपर हिंदी न थोपी जाए। हिंदी सिनेमा, गाने, साहित्य, और नाटक की शुरुआत इसी महाराष्ट्र से हुई है। जहां हिंदी नहीं बोली जाती, वहां जबरन हिंदी लागू मत करो। राऊत ने आगे कहा कि देश में हिंदी के प्रति प्रेम और श्रद्धा है, यह संवाद की भाषा है, लेकिन इसे सिलेबस में जबरदस्ती शामिल न किया जाए। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि महाराष्ट्र के हर स्कूल में पहले मराठी को अनिवार्य किया जाना चाहिए।

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गुजरात को हिंदी सिखाओ

संजय राउत ने इस दौरान कहा कि ‘कोई पार्टी हिंदी की मांग करती है, शिवाजी पार्क में जाकर नेताओं से चर्चा होती है। कहीं किसी सागर बंगले से ट्वीट तैयार किया गया। उन्होंने सवाल किया कि इतनी तत्परता कैसे हो सकती है? छात्रों पर बोझ मत डालो। हमें हिंदी मत सिखाओ, गुजरात को सिखाओ। कहीं से आई स्क्रिप्ट मत पढ़ो, कभी तुम हिंदू बन जाते हो, कभी मराठी, कुछ तो तय करो। उन्होंने आगे कहा कि सुधाकर जैसे एकच प्याला नाटक की भाषा मत बोलो।

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First published on: Apr 18, 2025 11:28 AM

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